Bihar Election Result 2020: बेतिया से बीजेपी की रेणु यादव ने मारी बाजी. मंगलवार को बिहार चुनाव का मतगणना शुरू हुआ. बेतिया विधानसभा से बीजेपी आगे चल रही थी. बिहार विधान सभा चुनाव का विगुल बज चुका है. चुनाव आयोग ने इलेक्शन की तारीखों का ऐलान कर दिया है. सियासी पार्टियों ने अपने-अपने समीकरण सेट करने में चुनावी रणनीति बनाना शुरु कर दिया हैं. इस बार बिहार में 28 अक्टूबर को पहले चरण के लिए मतदान होगा, जबकि दूसरे चरण के लिए 3 नवंबर और सात नवंबर को तीसरे चरण की वोटिंग होगी. इस बार 10 नवंबर को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे. बिहार चुनाव से पहले हम आपको बेतिया विधानसभा क्षेत्र के बारे में बताने जा रहे हैं.
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जानें बेतिया सीट का चुनावी इतिहास-
बेतिया बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले का एक भाग है. यह पश्चिमी चंपारण जिला का मुख्यालय भी है. भारत-नेपाल सीमा पर स्थित है. बेतिया विधानसभा में कुछ 8 सीटें है. है. 2008 में परिसीमन आयोग की सिफारिश के बाद इस विधानसभा सीट में बदलाव किया गया. इसके तहत बेतिया सामुदायिक विकास ब्लॉक, मझहौलिया, पारसा, मोहद्दीपुर, बहुआरवास गुदारास बखरिया, राजभर और सेनुवरिया समेत कई क्षेत्रों को शामिल किया गया.
साल 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने बेतिया सीट पर अपनी जीत हासिल की थी. उन्होंने बीजेपी की प्रत्याशी रेनू देवी को मात दी थी. इस चुनाव में मदन मोहन तिवारी को 45.3% वोट मिले जबकि रेनू देवली को 43.7% वोट मिले थे.
जनता दल यूनाइटेड, राष्ट्रीय जनता दल और कांग्रेस महागठबंधन के रूप में चुनाव लड़ रहे थे और यह सीट कांग्रेस को दी गई थी जिसमें उसे कड़े मुकाबले के बाद जीत मिली थी. इस सीट पर 16 उम्मीदवार मैदान में थे. इनमें से 4 उम्मीदवार निर्दलीय थे.
बेतिया सीट से कांग्रेस ने 1951 से लेकर अब तक हए 18 चुनावों में 11 बार जीत हासिल की है. 1951 से लेकर 1962 तक कांग्रेस ने 5 चुनाव जीते. लेकिन 1967 में उसे निर्दलीय प्रत्याशी के हाथों हार मिली. 1969 के बाद से 1985 तक कांग्रेस का कब्जा रहा. 1990 में बीजेपी को पहली जीत मिली लेकिन 1995 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा.
बता दें कि कांग्रेस के गौरी शंकर पांडे यहां से 4 बार चुनाव जीतने में सफल रहे हैं. इस सीट पर 2000 में बीजेपी ने शानदार वापसी की और पार्टी 2010 तक 4 विधानसभा चुनावों में लगातार जीत के साथ अपनी कामयबी कायम रखी.
गांधी ने की थी सत्याग्रह की शुरुआत
महात्मा गांधी ने बेतिया के हजारी मल धर्मशाला में रहकर सत्याग्रह आंदोलन की शुरुआत की थी. बेतिया एक कृषि प्रधान क्षेत्र है जहाँ गन्ना, धान और गेहूँ सभी उगते हैं. ये क्षेत्र गांधी की कर्मभूमि और ध्रुपद गायिकी के लिए प्रसिद्ध है। बेतिया से मुंबई फिल्म उद्योग का सफर तय कर चुके मशहूर फिल्म निर्देशक प्रकाश झा ने इस क्षेत्र के लोगों की सरकारी नौकरी की तलाश पर 'कथा माधोपुर' की रचना की है.
Source : News Nation Bureau