MP Election Result 2018: बीजेपी के सीने में चुभा बैतूल का शूल, धूल में मिल गया कमल का फूल

करीब सवा दो लाख मतदाताओं वाला बैतूल (BETUL) इस बार बीजेपी के सीने में शूल की तरह चुभ जाएगा,

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Drigraj Madheshia
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MP Election Result 2018: बीजेपी के सीने में चुभा बैतूल का शूल, धूल में मिल गया कमल का फूल

बैतूल (BETUL) इस बार बीजेपी के सीने में शूल की तरह चुभ गया

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करीब सवा दो लाख मतदाताओं वाला बैतूल (BETUL) इस बार बीजेपी के सीने में शूल की तरह चुभ जाएगा, इसका अंदाजा शायद शिवराज सिंह चौहान को भी नहीं होगा. पिछले 15 साल से सत्‍ता से काबिज शिवराज सरकार के उखड़ने के पीछे तमाम कारण हो सकते हैं पर उनमें से एक रोचक कारण बैतूल भी है. बैतूल विधानसभा का ऐसा ट्रेंड जो पिछले 28 साल से बरकार है. आइए जानें क्‍या है ट्रेंड और क्‍यों इसे शिवराज की हार से जोड़कर देखा जा रहा है...

बैतूल जिले की बैतूल सीट पर इस बार 28 नवंबर को बंपर वोटिंग हुई. पुरुषों से ज्‍यादा महिलाओं ने वोटिंग किया. वोटरों के उत्‍साह का अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि यहा 80.59% महिलाएं और 78.80% पुरुषों ने मतदान किया. इस बार यहां से कांग्रेस से निलय डागा और बीजेपी से हेमंत विजय खंडेलवाल चुनाव मैदान में थे. Election Result डागा के पक्ष में आया. डागा को 96717 और खंडेलवाल को 75072 वोट मिले. यहां तीसरे नंबर पर NOTA रहा जिसे 4635 वोट मिले. 

यह तो रही Election Result बात. अब बात करते हैं उस ट्रेंड की या यूं कहें मिथक की जो शिवराज सरकार की हार का कारण बना.मध्‍य प्रदेश की राजनीति में बैतूल की एक अलग पहचान है और वह पहचान है एक मिथक की है . वो मिथक है बैतूल विधानसभा क्षेत्र से जिस पार्टी का विधायक चुना जाता  है उसी पार्टी की सरकार प्रदेश में बनती है . इस बार बैतूल विधानसभा से कांग्रेस का विधायक बना और प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बन रही है . यह मिथक पिछले 28 साल से चला रहा है.

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सबसे पहले 1990 में बैतूल विधानसभा क्षेत्र से भाजपा से भगवत सिंह पटेल चुनाव जीते थे उस समय मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी थी और सुंदर लाल पटवा मुख्यमंत्री बने . ढाई साल बाद सरकार बर्खास्‍त होने के बाद जब 1993 में फिर से चुनाव हुए तो बैतूल से डॉ अशोक साबले कांग्रेस के विधायक बने तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और दिग्विजय सिंह मुख्यमंत्री बने.

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इसके बाद 1998 में बैतूल से कांग्रेस के  विनोद डागा विधायक बने तब प्रदेश में फिर से दिग्विजय सिंह की सरकार बनी . 2003 में जब विधानसभा चुनाव हुए बैतूल से शिवप्रसाद राठौर भाजपा के विधायक बने और उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी और उमा भारती मुख्यमंत्री बनीं .

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2008 में जब अलकेश आर्य भाजपा के विधायक बने तब फिर से भाजपा की सरकार बनी और शिवराज सिंह मुख्यमंत्री बने . 2013 में बैतूल विधानसभा से हेमंत खंडेलवाल भाजपा के विधायक बने और शिवराज सिंह की सरकार फिर से वापस हुई . 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में बैतूल विधानसभा से निलय डागा कांगेस के विधायक बने तब फिर  प्रदेश में 15 साल बाद कांग्रेस की वापसी हुई और सरकार बन रही है . राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है की 28 साल में यह मिथक टूटा नहीं और इससे लगता है कि प्रदेश सरकार और बैतूल विधानसभा क्षेत्र का गहरा नाता है .

Source : News Nation Bureau

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