बिहार विधानसभा चुनाव के परिणामों में एक बार बिहार में नीतीश कुमार की सरकार बनने जा रही है. एनडीए को चुनाव में 125 सीटों पर जीत मिली है. इन चुनाव में सबसे बड़ा झटका तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) के नेतृत्व वाले आरजेडी को लगा है. आरजेडी के एमवाई फैक्टर (मुस्लिम यादव) में असदुद्दीन औवेसी (Asaduddin Owaisi) की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) ने बड़ी सैंध लगाई है.
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आरजेडी को सबसे बड़ा झटका एआईएमआईएम ने सीमांचल इलाके में दिया है. ओवैसी की पार्टी ने इस इलाके में 5 सीटों पर कब्जा कर लिया है. एआईएमआईएम के लिए इसके क्या मायने हैं इसका अंदाजा इसी से ही लगाया जा सकता है कि बिहार की जीत का जश्न हैदराबाद में मनाया गया. यहां जमकर आतिशबाजी की गई. पार्टी ने विधान सभा चुनाव में अपने 20 प्रत्याशी मैदान में उतारे थे. इनमें से अमौर, कोचाधमान, बहादुरगंज, बैसी और जोकीहाट सीट पर एआईएमआईएम ने न सिर्फ बड़ी जीत दर्ज की बल्कि आरजेडी के वोट में बड़ी सैंध भी लगाई तो तेजस्वी की हार का बड़ा कारण रहा.
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प्रचार में ओवैसी ने महागठबंधन को बनाया था निशाना
ओवैसी ने बिहार चुनाव प्रचार के दौरान महागठबंधन पर जमकर निशाना साथा. ओवैसी के निशाने पर आरजेडी और कांग्रेस ही रहे. उन्होंने महागठबंधन पर ही सीमांचल की अनदेखी का आरोप लगाया. दूसरी तरफ आरजेडी और कांग्रेस ने भी ओवैसी की पार्टी को बीजेपी की बी टीम के तौर पर प्रचारित किया. हालांकि इसका सीधा फायदा एआईएमआईएम को मिला.
Source : News Nation Bureau