हर चुनाव में बिक्रमजीत सिंह मजीठिया पंजाब की राजनीति में विवादों के केंद्र में रहते हैं. नशे का गढ़ बन चुके पंजाब में अकाली दल के नेता मजीठिया पर ड्रग्स रैकेट चलाने के आरोप लगते रहते हैं. दरअसल, मजीठिया का नाम एक ड्रग्स रैकेट केस में आया था. उस रैकेट के मुख्य आरोपी जगजीत सिंह चहल ने बताया था कि उसने चुनाव फंड के नाम पर मजीठिया को 35 लाख रुपए दिए थे. चहल ने खुलासा किया था कि वह पैसा 2007 से 2012 के बीच दिया गया था. गौरतलब है कि चहल को 2013 में पंजाब पुलिस ने गिरफ्तार किया था. वह एक फार्मा कंपनी चलाता था. फिलहाल, वह बेल पर बाहर है. मजीठिया पर यह भी आरोप हैं कि उनके नॉन रेजिडेंट इंडियन से भी संपर्क है, जिनकी मदद से वह काले धन को सफेद कराते हैं.
परिवारिक पृष्ठभूमि
मजीठिया का जन्म 1976 में एक जाट सिख परिवार में हुआ था. लॉरेंस स्कूल सनावर में शिक्षा प्राप्त की. उनके पिता सरदार सत्यजीत सिंह मजीठिया पूर्व उप रक्षा मंत्री हैं. उनके दादा सरदार सुरजीत सिंह मजीठिया भारतीय वायु सेना में विंग कमांडर थे और उनके परदादा सर सुंदर सिंह मजीठिया पंजाब सरकार में राजस्व मंत्री थे. वह बठिंडा की सांसद हरसिमरत कौर बादल के छोटे भाई और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल के बहनोई हैं. विक्रम की शादी नवंबर 2009 में गनीव ग्रेवाल से हुई थी और उनके दो बेटे हैं.
राजनीतिक जीवन
उन्होंने पहली बार 2007 में मजीठा निर्वाचन क्षेत्र से पंजाब विधानसभा चुनाव जीता.
2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में फिर से उसी निर्वाचन क्षेत्र से जीत हासिल की.
पंजाब कैबिनेट में शामिल किया गया. वह पूर्व राजस्व, पुनर्वास और आपदा प्रबंधन, सूचना और जनसंपर्क और गैर पारंपरिक ऊर्जा मंत्री हैं.
Source : News Nation Bureau