पश्चिम बंगाल चुनाव को जीतने के लिए बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत लगा दी थी. बीजेपी ने अपने पांच सांसदों को मैदान में उतारा था. हालांकि इनमें से सिर्फ 2 ही जीतने में सफल रहे. केंद्रीय राज्यमंत्री बाबुल सुप्रियो सहित अन्य तीन चुनाव हार गए. हारने वालों में राज्यसभा से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने वाले स्वप्न दास गुप्ता भी शामिल रहे. भाजपा ने सांसदों को टिकट देकर विधानसभा चुनाव में पूरी ताकत झोंक दी थी. केंद्रीय राज्यमंत्री और आसनसोल से सांसद बाबुल सुप्रियो को भाजपा ने टॉलीगंज सीट से चुनाव मैदान में उतारा था. बाबुल सुप्रियो को 50080 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. बाबुल को 40597 वोट मिले, जबकि उन्हें हराने वाले टीएमसी नेता अरूप बिस्वास को 101440 वोट मिले.
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हुगली से लोकसभा सांसद लॉकेट चटर्जी को भाजपा ने चुनचुरा विधानसभा सीट से लड़ाया मगर वह जीत नहीं सकी. लॉकेट चटर्जी को 18417 वोटों से हार का सामना करना पड़ा. इसी तरह कूच बिहार से सांसद निशित प्रमाणिक ने दिनहाता विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा. कड़े मुकाबले में सांसद निशित प्रमाणिक मात्र 57 वोटों से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी टीएमसी नेता उदयन गुहा को हराने में सफल रहे. पिछली बार टीएमसी नेता उदयन गुहा ने इस सीट पर 21 हजार से अधिक वोटों से जीत हासिल की थी.
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राणाघाट लोक सभा सीट से सांसद जगन्नाथ सरकार को भाजपा ने शांतिपुर से प्रत्याशी बनाया था. जगन्नाथ सरकार कुल 15878 वोटों से जीतने में सफल रहे. उन्होंने टीएमसी के अजय देव को हराया. वहीं राज्यसभा से इस्तीफा देकर चुनाव लड़ने वाले स्वप्न दास गुप्ता को हार का सामना करना पड़ा. गुप्ता को टीएमसी नेता रामेंदु ने 7484 वोटों के अंतर से हराया. बीजेपी को पश्चिम बंगाल में 77 सीटों पर जीत मिली है. हालांकि इसमें सबसे बड़ी जीत नंदीग्राम से सुवेंदु अधिकारी की है. उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को हराकर दिखा दिया कि नंदीग्राम में उनसे बड़ा चेहरा कोई और नहीं है. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में सुवेंदु अधिकारी का पद पार्टी में और बढ़ सकता है.