अगले पांच सालों के लिए दिल्ली की सत्ता की चाभी किसके हाथों में होगी इसकी तस्वीर अब साफ हो चुकी है. आम आदमी पार्टी ने रुझानों में शानदान प्रदर्शन दिखाते दिल्ली की गद्दी अगले पांच सालों के लिए अपने नाम कर ली है. इस बेहतरीन जीत से एक तरफ जहां आप नेताओं और कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है तो वहीं दूसरी तरफ बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं में उतनी ही निराशा है. इसके अलावा चुनाव के दौरान हुई बयानबाजियों से ऐसा लग रहा है कि कुछ नेताओं को इसकी भारी कीमत चुकानी पड़ सकती है. इन नेताओं में एक नाम मनोज तिवारी का भी है.
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दरअसल 8 फरवरी को वोट डाले जाने के बाद एग्जिट पोल के नतीजे सामने आए थे जिसमें आप को 45 से अधिक सीटें मिलती दिखाई गई थी. दिल्ली विधानसभा चुनाव का एग्जिट पोल देखकर बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने ट्वीट कर कहा कि ये सभी एग्जिट पोल fail होंगे. मेरा ये ट्वीट संभाल के रखियेगा. भाजपा दिल्ली में 48 सीटें लेकर सरकार बनाएगी. कृपया EVM को दोष देने का अभी से बहाना ना ढूंढे.
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मनोज तिवारी ने अपने बड़बोलेपन में ट्वीट तो कर दिया लेकिन ये भूल गए कि अगर उनका ये दावा गलत हुआ तो यही बड़बोलापन उन पर महंगा पड़ सकता है. आज चुनाव नतीजे आने के बाद ऐसा ही हुआ. नतीजो में आप ने बाजी मार ली और बीजेपी की उम्मीदें और दावे धरे के धरे रह गए. नतीजों के बाद बॉलीवुड सितारों से लेकर आम जनता तक ने मनोज तिवारी के बड़बोलेपन को लेकर खूब निशाना साधा और उनके जीत के दावे को मुंगेरीलाल के सपने करार दे दिया. खैर ये तो सोशल मीडिया की बात थी लेकिन अब बड़ा सवाल ये है कि क्या मनोज तिवारी को इस बड़बोलेपन की कीमत राजनीतिक तौर पर भी चुाकानी पड़ेगी क्योंकि कहीं न कहीं पार्टी के आलाकमान ने भी मनोज तिवारी के इस ट्वीट को सेव कर लिया होगा.