दिल्ली विधानसभा चुनाव की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है वैसे-वैसे राजनीतिक पार्टियां ज्यादा से ज्यादा जनता तक पहुंचने की जद्दोजहद कर रही हैं. कोई अपने काम का रिपोर्ट कार्ड दिखाकर जनता को लुभाने की कोशिश कर रहा है तो कोई दूसरों पर निशाना साधकर खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश कर रहा है. वहीं इस दौरान बयानबाजी का सिलसिला भी लगातार जारी है. हाल ही में बजेपी के राष्ट्रीय सचिव और दिल्ली के सह-प्रभारी तरुण चुघ का बयान भी सामने आया है. चुघ ने कहा है कि वो दिल्ली को सीरिया नहीं बनने देंगे. उन्होंने कहा है कि दिल्ली में ISIS जैसा टेरर मॉड्यूल चलाने की इजाजत हरगिज नहीं देंगे, जहां महिलाओं और बच्चों का इस्तेमाल किया जा रहा हो.
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चुघ ने ट्वीट करते हुए कहा, ' हम दिल्ली को सीरिया नहीं बनने देंगे और ना ही उन्हें यहां ISIS जैसा टेरर मॉड्यूल चलाने की इजाजत देंगे. वो मुख्य सड़क ब्लॉक कर दिल्ली के लोगों के दिमाग में डर पैदा करना चाहते हैं. हम ऐसा नहीं होने देंगे. #ShaheenBaghKaSach'
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बता दें, इससे पहेल केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर भी एक विवादित बयान दे बैठे थे जिसके बाद उनकी काफी आलोचना हुई थी. दरअसल वह एक विधानसभा क्षेत्र में सोमवार को चुनावी सभा को संबोधित करने पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने जनता से बीजेपी के पक्ष में मतदान करने के लिए जेएनयू के उन छात्रों का उदाहरण रखा, जोकि सैनिकों के शहीद होने पर जेएनयू में आतंकवादियों को शहीद बताकर जश्न मनाते हैं. इस दौरान अनुराग ठाकुर का जोश इस कदर बढ़ गया कि वे यह कह बैठे कि देश के गद्दारों को गोली मारो. उनका यह वीडियो देखते ही देखते सोशल मीडिया पर वायरल हो गया और ऑल इंडिया महिला कांग्रेस ने निर्वाचन आयोग से ट्वीट कर पूछ लिया कि क्या वे इस हिंसक भाषण पर कोई संज्ञान लेंगे. ट्विटर पर इस भाषण के सही और गलत होने को लेकर बहस छिड़ गई.