उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections 2022) में इस बार भारतीय जनता पार्टी को मुस्लिम वोट मिलने की आशा है. भाजपा (BJP) ने मुस्लिम महिलाओं को भी प्रभावित करने की पूरी कोशिश की. तीन तलाक के खिलाफ कानून को लेकर यह बताने की कोशिश की गई कि इस सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाया है. ऐसे में वह इस वर्ग की महिलाओं का वोट अपने पक्ष में आने की उम्मीद लगा रखी है. हालांकि भाजपा ने हर बार की तरह इस बार भी एक भी मुस्लिम (Muslims) को प्रत्याशी नहीं बनाया है, लेकिन रामपुर की स्वार सीट से जरूर भाजपा के सहयोगी पार्टी अपना दल ने आजम खान के लड़के के खिलाफ एक प्रत्याशी उतारा है.
विपक्षी दलों ने खूब उतारे मुस्लिम प्रत्याशी
इसके विपरीत विपक्षी दलों ने भरपूर टिकट मुस्लिम प्रत्याशियों को दिए. चाहे सपा हो, बसपा या फिर कांग्रेस सबने इन्हें टिकट दिया. इनके वोट बैंक पर खासा नजर भी गड़ाए हुए है, लेकिन भाजपा को लगता है उसकी योजनाएं मुस्लिम समाज के लिए कारगर हथियार साबित होंगी. इसलिए वह इस वोट को पाने की संभावना जता रहा है. इसी कारण जहां पर मुस्लिम वोट निर्णायक थे वहां पर पार्टी के वर्करों ने खूब दम लगाया था. यहां तक कि भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक रैली में कहा कि मुस्लिम बहन बेटियां, हमारी साफ नीयत को भली भांति जानती हैं.
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यूपी में मुस्लिमों की आबादी 19.26 फीसद
2011 की जनगणना के मुताबिक प्रदेश की आबादी में मुसलमानों की तादाद 3 करोड़ 84 लाख 83 हजार 967 यानी लगभग 19.26 फीसदी है. अगर समूह के तौर पर देखें तो ये बड़ी आबादी है. कहीं कम, कहीं ज्यादा, यह पूरे प्रदेश में हैं. हालांकि इनकी आबादी का बड़ा हिस्सा पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश, रूहेलखंड, तराई और अवध क्षेत्र में रहता है. ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर का कहना है कि वर्तमान सरकार की कुछ योजनाओं का लाभ बहुत लोगों को मिला है. शौचालय, राशन कार्ड, आवास जैसी कई योजनाएं हैं, लेकिन कुछ लोगों को बयान बहुत खराब रहे हैं. इसमें सुधार की जरूरत है. हम शांति और रोजगार के लिए वोट करेंगे. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दानिश आजाद का कहना है कि भाजपा सरकार जाति मजहब देखकर योजनाओं का लाभ नहीं देती है, लेकिन फिर अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को हर योजना का लाभ मिल रहा है. उसमें मुस्लिम भी शामिल है. हमारी बहनों को तीन तलाक जैसी कुप्रथा से मुक्ति मिली है.
HIGHLIGHTS
- भाजपा ने इस बार भी चुनाव में एक भी मुस्लिम प्रत्याशी नहीं उतारा
- गठबंधन के तहत अपना दल ने उतारा है मुस्लिम प्रत्याशी
- प्रदेश की आबादी में मुसलमानों की तादाद लगभग 19.26 फीसदी