दिल्ली के सियासी घमासान में एक बार फिर बाजी आम आदमी पार्टी के हाथ लगी है. इस चुनावी दंगल में आम आदमी पार्टी ने दो दिग्गज राजनीतिक पार्टियों को धूल चटाते हुए करारी शिकस्त दी है. आपको बता दें कि यह पहला मौका नहीं है जब आम आदमी पार्टी ने इन दोनों दिग्गज पार्टियों के रहते हुए दिल्ली की कुर्सी हासिल की हो इसके पहले साल 2013 के विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी दिल्ली की गद्दी पर काबिज हुई थी. उसके बाद साल 2015 में तो आम आदमी पार्टी ने पूरी दिल्ली में कांग्रेस का सूपड़ा साफ करते हुए 70 में से 67 सीटों पर कब्जा किया था.
साल 2020 के चुनावी दंगल में भी आम आदमी पार्टी (AAP) अपनी जीत पक्की कर चुकी है. एक बार फिर दिल्ली की सियासी जंग में भाजपा और कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी है. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election) 2020 जीतकर हैट्रिक लगाई है. आपको बता दें कि भारतीय जनता पार्टी ने दिल्ली की कुर्सी के लिए अपना पूरा जोर लगा दिया था लेकिन कामयाबी फिर भी हाथ नहीं लगी. इस चुनाव में बीजेपी ने पीएम मोदी सहित 6 राज्यों को मुख्यमंत्री, गृहमंत्री अमित शाह सहित 9 केंद्रीय मंत्री के अलावा 100 से भी ज्यादा सांसदों और सबसे बड़े चेहरे पीएम मोदी को भी चुनाव प्रचार में उतारा लेकिन आम आदमी पार्टी की केजरीवाल की कुर्सी को हिला तक नहीं पाई.
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आपको बता दें कि दिल्ली विधानसभा चुनाव के समर को जीतने के लिए बीजेपी ने साम दाम दंड भेद सभी तरह के हथकंडे अपनाए यहां तक कि पीएम मोदी तक को चुनाव प्रचार की अगुवई करनी पड़ी लेकिन सारे दांव खेलकर भी बीजेपी सियासी समर में चारो खाने चित्त रही. इस चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने 9 केंद्रीय मंत्रियों के साथ चुनाव प्रचार की कमान थामी थी इनके अलावा 6 राज्यों के मुख्यमंत्री और बीजेपी के 100 से ज्यादा सांसद इस चुनावी समर में बीजेपी की ओर से उतरे थे लेकिन सारे योद्धा दिल्ली के चुनावी समर में धाराशायी हो गए.
आम आदमी पार्टी ने दिल्ली विधानसभा चुनाव में 39 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया, जिसमें से 18 चुनावी मैदान में थे.सीएम अरविंद केजरीवाल, डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया सहित 6 बड़े नामी चेहरे जिसमें संगीतकार विशाल डडलानी भी शामिल हैं. वहीं बीजेपी ने 40 नेताओं के स्टार प्रचारक बनाया था, इनमें दो स्टार प्रचारकों अनुराग ठाकुर और प्रवेश वर्मा पर आपत्तिजनक बयान की वजह से चुनाव आयोग को पाबंदी लगानी पड़ी थी. वहीं कांग्रेस ने भी इस चुनाव प्रचार में 40 स्टार प्रचारकों की सूची जारी की थी, लेकिन इनमें सभी नेता रैलियों में नजर नहीं आए. पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन इस चुनाव प्रचार में शामिल ही नहीं हुए और निजी कारण बताकर पहले ही विदेश निकल लिए थे.