UP Election Counting 2022: उत्तर प्रदेश की 18वीं विधानसभा के चुनाव के लिए मतगणना जारी है. अब तक के रुझानों में UP में 273 सीटों पर भाजपा ने बढ़त बना ली है. सीएम योगी भी चुनाव जीते चुके हैं. हालांकि बीजेपी को सपा ने जरूर टक्कर दी है. अब तक रुझानों में सपा 123 सीटों पर ही सिमटती दिखाई दे रही है. वहीं भाजपा के संगीत सोम हार गए हैं. जबकि कुशीनगर की फाजिलनगर सीट से स्वामी प्रसाद मौर्य हार गए हैं. जैसा कि उम्मीद थी कि भाजपा पश्चिमी यूपी में खराब प्रदर्शन करेगी, लेकिन इसके विपरीत भाजपा ने शानदार प्रदर्शन किया है. पश्चिमी यूपी में सपा और रालोद को जीत की जो उम्मीद थी वह उन्हें नहीं मिली और यहां भी भाजपा शानदार जीत दर्ज करती दिखाई दे रही है. अब तक रुझानों से पता चलता है कि प्रथम चरण से लेकर सातवें चरण तक भाजपा हर जगह सपा को टक्कर देती दिखाई दे रही है.
अब तक आए रुझानों की बात करें तो पहले चरण के 58 सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी 42 सीटों पर आगे है जबकि सपा 16 सीटों पर आगे है. दूसरे चरण में बीजेपी 26, सपा 25 जबकि बसपा 3 सीटों पर आगे चल रही है. वहीं तीसरे चरण में बीजेपी के 43, सपा 15 और कांग्रेस 1 सीटों पर आगे चल रही है. चौथे चरण में बीजेपी के 48 और सपा 11 सीटों पर आगे, पांचवें चरण में बीजेपी के 34 और सपा 24 सीटों पर, छठे चरण की वोटिंग में बीजेपी के 40 और सपा 11 और बसपा 4 सीटों पर आगे चल रही है. जबकि अंतिम और सातवें चरण में बीजेपी के 27 और सपा 25 सीटों पर आगे चल रही है. हालांकि अब तक के रुझानों में बीजेपी अधिकांश सीटों पर जीतती दिखाई रही है.
सात चरणों के तहत 10 फरवरी, 14 फरवरी, 20 फरवरी, 23 फरवरी, 27 फरवरी, 3 मार्च और 7 मार्च को मतदान हुआ. 10 फरवरी को पहले चरण में पश्चिम यूपी के 11 जिलों की 58 सीटों पर, दूसरा चरण 14 फरवरी को 9 जिलों की 55 सीटों पर, 20 फरवरी को पश्चिम और बुंदेलखंड में तीसरे चरण में 16 जिलों की 59 सीटों पर मतदान हुआ था. चौथे चरण में अवध की सीटों पर मतदान 23 फरवरी को हुआ, इनमें लखनऊ सहित 9 जिलों की 60 सीटों पर वोट डाले गए. इसी तरह पांचवें चरण में 27 फरवरी को 11 जिलों की 60 सीटों पर, छठे चरण में 3 मार्च को 10 जिलों की 57 सीटों पर और सातवें व अंतिम चरण का मतदान 7 मार्च को 9 जिलों की 54 सीटों पर हुआ. इस चुनाव की खास बात ये रही कि शुरुआती चरणों में जहां कोरोना के चलते सभी पार्टियों ने वर्चुअली चुनाव प्रचार किया वहीं बाद के चरणों में रैलियों, सभाओं का आयोजन हो सका.