राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) सुप्रीमो मायावती ने रविवार को राज्य के जालौर में कांग्रेस और बीजेपी सरकार पर हमला बोला. मायावती ने कहा कि कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) दोनों पार्टियां आरक्षण को खत्म करने में लगी है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी बसपा के साथ चुनाव लड़ना चाहती थी, कांग्रेस गठबंधन करके कम सीटें देना चाहती थी लेकिन हमने अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला किया.
उन्होंने रैली में लोगों से आग्रह किया कि कांग्रेस और बीजेपी को वोट न देकर बसपा को दें. मायावती ने कहा कि अपने देश को आजाद हुए और सविंधान लागू हुए 70 वर्ष बीत गए लेकिन दलितों, आदिवासियों और मुस्लिम गरीबों और व्यापारियों का खास विकास और उत्थान नहीं हो सका है.
उन्होंने कहा, 'हमें पूरे देश मे सरकारी नौकरियों में आरक्षण की सुविधा मिली है. उसको देश की दोनों पार्टियों खत्म करने में लगी है. आरक्षण को प्रभावी बनाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. पूरे देश मे आरक्षण कम मिल रहा है.'
मायावती ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने हीन भावना रखते हुए मंडल कमीशन की रिपोर्ट लागू नहीं की थी, वीपी सिंह की सरकार ने बाबा साहब को भारत रत्न से सम्मानित किया था. देश मे मुस्लिम समाज की हालत अच्छी नही है. केंद्र में पूर्व कांग्रेस सरकार ने और ना ही बीजेपी सरकार ने कोई ध्यान दिया है.
उन्होंने कहा, 'राजस्थान प्रदेश में गरीब मजदूर कर्मचारी पीड़ित हैं. केंद्र और राज्यों में सरकार द्वारा गलत आर्थिक नीतियों से महंगाई व गरीबी ज्यादा बढ़ी है. पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढ़ी हैं. चुनाव के बाद फिर भाव बढ़ जाएंगे, GST और नोटबन्दी से लोग दुखी हैं. देश मे पूंजीपतियों का विकास हो रहा है लेकिन गरीब का होना चाहिए.'
उन्होंने कहा कि राजस्थान प्रदेश में गरीबी व बेरोजगारी दूर करने के लिए कांग्रेस और बीजेपी सरकार ने कुछ भी नहीं किया है. राजस्थान में ज्यादातर सत्ता गलत हाथों में रही है. देश में सरकार धन्नासेठों व पूंजीपतियों से सरकार आती है इन्हीं लोगों के धन और बल से चुनाव लड़ कर सत्ता में आती रही है जबकि पूरे देश मे बीएसपी एक ऐसी पार्टी है आम कार्यकर्ताओं की मदद से सत्ता में आना चाहती है.
बसपा सुप्रीमो ने कहा, 'उतर प्रदेश में हमने 4 बार सरकार बनाई है. यूपी में बड़ी तादाद में सरकारी और गैर सरकारी नौकरियों में फायदा दिया है. उत्तर प्रदेश में हमने जुर्म करने वाले
लोगों को जेल भेजा. यूपी में हमने हर गरीब की मदद की है. राजस्थान में अगर हमारी सरकार बन जाती है तो सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय की नीतियों पर चलेगी यहां विरोधी पार्टियों से साम दाम दंड से सावधान रहना है.'
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मायावती ने जनता से अपील करते हुए कहा कि विरोधी पार्टियां, मीडिया और ओपिनियन पोल से गुमराह नहीं होना है. राजस्थान में बीजपी की सरकार है, इससे पहले कांग्रेस की सरकार थी. कांग्रेस ने चुनावी घोषणा पत्र में कई प्रलोभन वादे किये थे यहां पर अशोक गहलोत की सरकार ने वादों को पूरा नहीं किया तो बीजेपी को सत्ता में बैठा दिया लेकिन बीजेपी ने भी चुनावी घोषणा पत्र पूरा नही किया.
उन्होंने कहा, 'अब कांग्रेस फिर कह रही है 10 दिन में किसानो का कर्जा माफ कर देगी लेकिन इससे पहले कांग्रेस की सरकार थी तब कर्जा माफ क्यों नहीं किया था? जो हाल कांग्रेस का है वही हाल बीजेपी का है. प्रलोभन भरे चुनावी घोषणा पत्र में नहीं आना है राजस्थान के हित में ऐसी पार्टियों को वोट न देकर बसपा को वोट देना है जिसकी करनी और कथनी में अंतर नही है.'
राजस्थान में 7 दिसंबर को एक चरण में होने वाले चुनाव होने हैं. राज्य की 200 सदस्यीय विधानसभा में 2013 में भाजपा 163 सीटों पर चुनाव जीती थी. जबकि कांग्रेस के पास महज़ 25 सीटें ही बची थीं. इसके अलावा अन्य को 7 सीट, बीएसपी (बहुजन समाज पार्टी) को 2 सीट और एनपीईपी (नेशनल पीपल्स पार्टी) को 1 सीट, एनयूजेडपी (नेशनल यूनियनिस्ट जमींदार पार्टी) को 2 सीटों पर जीत मिली थी.
Source : News Nation Bureau