छत्तीसगढ़ की 90 सीटों पर इस बार 561 निर्दलीय प्रत्याशी मैदान में हैं. खास बात ये है कि इस बार मंत्रियों वाली सीटों पर सबसे ज्यादा निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं. सबसे ज्यादा निर्दलीय रायपुर के दक्षिण सीट से चुनाव मैदान में ताल ठोंक रहे हैं. यहां से 29 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं. इस सीट से बीजेपी के मंत्री बृजमोहन अग्रवाल चुनाव मैदान में हैं वहीं कांग्रेस से कन्हैया अग्रवाल हैं .राजनीतिक सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस और बीजेपी के वोट काटने की प्लानिंग के बाद इतने बड़े पैमाने पर निर्दलीय को मदद कर चुनाव लड़ाया जा रहा.
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पहले चरण के चुनाव में 18 सीट पर 68 निर्दलीय प्रत्याशी थे लेकिन दूसरे चरण में 493 प्रत्याशी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. 2003 में सभी 90 सीटों पर कुल 819 प्रत्याशियों ने चुनाव लड़ा था, जिसमें 254 निर्दलीय थे लेकिन अब 1268 प्रत्याशियों में 561 प्रत्याशी निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.
- वर्ष 2003 में 254
- वर्ष 2008 में 387
- वर्ष 2013 में 357
- वर्ष 2018 में 561
10 से ज्यादा निर्दलीय प्रत्याशी वाली सीटें, जिनमें ज्यादातर मंत्री और दिग्गज शामिल
- कवर्धा - 14 ( डॉ रमन सिंह, मुख्यमंत्री का गृह क्षेत्र)
- अम्बिकापुर- 11(टीएस सिंहदेव का क्षेत्र)
- कोरबा- 11(विकास महतो, बीजेपी, सांसद बंशीलाल महतो का बेटा)
- तखतपुर- 14 (हर्षिता पांडेय, बीजेपी, महिला आयोग की अध्यक्ष)
- बिल्हा- 17 (धरमलाल कौशिक, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष)
- बिलासपुर- 15 (अमर अग्रवाल, मंत्री)
- लोरमी- 11(धर्मजीत सिंह, JCCJ)
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- कसडोल- 18 (गौरीशंकर अग्रवाल, विधानसभा अध्यक्ष)
- रायपुर ग्रामीण- 13 (सत्यरनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री, कांग्रेस)
- रायपुर पश्चिम- 25 (राजेश मूणत, मंत्री)
- रायपुर उत्तर- 10 (श्रीचंद सुंदरानी, प्रवक्ता, बीजेपी)
- रायपुर दक्षिण- 29 (बृजमोहन अग्रवाल, मंत्री)
- धमतरी- 11( मंत्री अजय चंद्राकर का गढ़)
- नवागढ़- 10 (दयालदास बघेल, मंत्री)
- बसना- 11
- भटगांव- 12
इतनी बड़ी संख्या में निर्दलीय उम्मीदवारों को मैदान में उतरने को लेकर कांग्रेस का कहना है कि निर्दलीय से कोई फर्क नहीं पड़ता. कांग्रेस की सरकार आ रही है पूर्ण बहुमत के साथ बीजेपी को ही नुकसान होगा. वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता जयवीर शेरगिल का कहना है कि इस बार निर्दलीय एक भी सीट पर नहीं जीतेंगे. बेशक निर्दलीय की ताकत को नकारा नहीं जा सकता. पिछले चुनाव में भी निर्दलीय ने ही कई बड़े-बड़े नेताओं का समीकरण बिगाड़ दिया था इस बार भी निर्दलीय ताल ठोंक रहे हैं, ऐसे में छत्तीसगढ़ का रण इस बार दिलचस्प होगा.
Source : ADITYA NAMDEV