तीन दिनों के मैराथन बैठक के बाद मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने आज दिल्ली लौटने से पहले संवाददाता सम्मेलन किया. उन्होंने कहा कि इस साल कोरोना ने पूरे दुनिया भर का माहौल बदल दिया है. चुनाव आयोग ने टेस्ट के तौर पर पहले 18 राज्यसभा के चुनाव कराए. चुनाव आयोग ने एक विस्तृत बैठक की. 2015 चुनाव में 65 हज़ार 333 से बढ़कर इस चुनाव में 1 लाख 6 हज़ार 526 पोलिंग स्टेशन की संख्या हो गई है. पहले चरण के चुनावी प्रक्रिया आज से शुरु हो गयी है. सुनील अरोड़ा ने कहा कि ये चुनाव आसान काम नही है. USA में 232 मिलियन वोटर यहां बिहार में सिर्फ 72 मिलियन वोटर. कई राजनीतिक दलों ने आग्रह किया कि मतदाताओं को सामाजिक दूरी की जानकारी दी जाएं.
सोशल मीडिया को लेकर सभी की चिंता
पर्याप्त संख्या में अर्धसैनिक बलों की मांग भी की है. बाढ़ग्रस्त इलाकों में बूथ की संख्या बढ़ाने की मांग जो मुमकिन नहीं. सोशल मीडिया को लेकर सभी की चिंता. हम चाहते हैं वो सहयोग करें. अगर हमारे पास कोई सोशल मीडिया के communal violence and caste violence बढ़ाने की खबर आती है तो हम कठोरत्मक कारवाई करेंगे. उन्होंने ये भी कहा कि सिर्फ वर्चुअल कैम्पेन नहीं होगा. हर जिला में ग्राउंड और हाल कितने हैं ये लिस्ट है. अब ceo ये तय करें कि कैसे सोशल डिस्टेंसिंग रहे.
डीजीपी स्तर तक के अधिकारी पर कार्रवाई की है
सबसे रोचक रहा जब मुख्य चुनाव आयुक्त से पत्रकार ने पूछा बिहार के कई मुख्य अधिकारी सालों से बिहार में मुख्य पदों पर हैं चाहे वो मुख्य सचिव या गृह सचिव हों. इसमें निष्पक्ष चुनाव की क्या गारन्टी है? मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा कि गारन्टी तो आजकल बाप बेटे की नहीं ले पाता. माता पिता अपने बच्चों की गारन्टी नहीं ले पाते. बड़े होते हैं बच्चे तो कौन लेता है गारन्टी. हम क्या कहें, मगर proven malafides हुआ तो हम एक्शन लेंगे. लोक सभा चुनाव में ऐसा हमने किया. डीजीपी स्तर तक के अधिकारी पर कार्रवाई की है. आपलोग उसकी चिंता ना करें.
Source : News Nation Bureau