चुनाव आयोग ने झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है. 81 सीटों पर पांच चरण में मतदान होंगे. 30 नवंबर को पहले चरण का वोट डाला जाएगा.वहीं 20 दिसंबर को आखिरी चरण की वोटिंग होगी. विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों का ऐलान के साथ ही राज्य में आदर्श आचार संहिता लागू हो गई है. स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने कई नियम बनाए हैं, जिन्हें आदर्श आचार संहिता कहते हैं. अब सभी राजनीतिक दलों को आाचार संहिता के अनुसार काम करने होंगे. आचार संहिता का मकसद सभी राजनीतिक दलों के लिए बराबरी का समान स्तर उपलब्ध कराना, चुनाव प्रचार को साफ सुथरा रखना और विवादों को टालना है.
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सत्ता में रहने वाली पार्टी किसी भी तरह की सरकारी मशीनरी का दुरूपयोग नहीं कर सके इसलिए राज्य सरकार और केंद्र सरकार के कर्मचारी चुनाव के दौरान चुनाव आयोग के कर्मचारियों की तरह काम करते हैं. आचार संहिता के दौरान मंत्री या अधिकारी अनुदान, नई योजनाओं की घोषणा, लोकार्पण, शिलान्यास या भूमिपूजन नहीं कर सकते.
आचरण संहिता के लिए नियम
- सियासी पार्टियां या उम्मीदवार जाति, धर्म या भाषा के आधार पर मतभेद नहीं फैलाएंगे.
- चुनावी प्रचार के दौरान किसी की निजी जिंदगी पर टीका-टिप्पणी नहीं किया जाना चाहिए.
- जाति या धर्म के आधार पर वोट की अपील और धार्मिक स्थलों का इस्तेमाल प्रचार के लिए नहीं करेंगे.
- चुनाव के दौरान बिना अनुमति किसी की जमीन, भवन या परिसर का इस्तेमाल गलत है.
- मतदाताओं को घूस देना या डराना-धमकाना भ्रष्ट आचरण और अपराध माना जाएगा.
- सभा से पहले पुलिस और प्रशासन की अनुमति लेनी होगी.
- मतदान शुरू होने के 48 घंटे पहले से सार्वजनिक सभाओं पर रोक.
यदि कोई राजनीतिक दल या उम्मीदवार आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन करता है तो चुनाव आयोग उम्मीदवार को चुनाव लड़ने से रोक सकता है और उसके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जा सकता है. आचार संहिता के उल्लंघन में जेल जाने तक के प्रावधान भी हैं.