लगता है मध्य प्रदेश में प्रत्याशियों की सूची जारी करने में भाजपा और कांग्रेस 'पहले आप-पहले आप' का खेल खेल रही हैं. दोनों ही दलों में से किसी ने भी अभी पहली सूची भी जारी नहीं की है. इस बीच प्रत्याशी और टिकट के आकांक्षी नेताओं की धड़कनें तेज हो गई हैं.
विधानसभा चुनाव के लिए दोनों दलों के आला नेताओं और कोर ग्रुप के नेताओं की गुप्त बैठकों का दौर शुरू हो गया है. भोपाल से लेकर दिल्ली तक ताबड़तोड़ बैठकें हो रही हैं, लेकिन अभी टिकट को लेकर कोई भी नेता कुछ भी कहने की स्थिति में नहीं है. भाजपा नेताओं की बैठक भोपाल में मुख्यमंत्री निवास में हो रही है, वहीं कांग्रेस की बैठक दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ और ज्योतिरादित्य सिंधिया के आवास पर हो रही है. माना जा रहा है कि स्क्रूटनी का दौर खत्म हो गया है और अगले हफ्ते में दोनों दल प्रत्याशियों की घोषणा कर सकते हैं.
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बताया यह भी जा रहा है कि दोनों में कोई भी दल पहले सूची जारी नहीं करना चाहता. इसका कारण यह है कि दोनों में से कोई भी दल बागियों को मौका नहीं देना चाहता. न ही भाजपा और न ही कांग्रेस बगावत का माहौल खड़ा होते देखना चाहती हैं. इसलिए दोनों दल प्रत्याशी उतारने में देरी कर रहे हैं. एक और बात यह है कि दोनों इस मौके की तलाश में हैं कि जहां पार्टी कमजोर है, वहां दूसरे दल के बागी को मौका देकर स्थिति मजबूत किया जाए. शायद इसलिए भी पहले सूची जारी में दोनों दल हिचक रहे हैं.
इस बीच सोशल मीडिया पर पहले कांग्रेस के प्रत्याशियों की फर्जी सूची जारी हुई, वहीं अब भाजपा के साथ भी ऐसा ही हुआ है. सोशल मीडिया पर दोनों दलों की पहली सूची वायरल हो रही है, वहीं टिकट की आस लगाए नेताओं के लिए यह फर्जी सूची और वेदना का कारण बन रही है.
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Source : News Nation Bureau