कांग्रेस को हरियाणा और महाराष्ट्र में आसन्न विधानसभा चुनाव में निश्चित तौर पर भितरघात का सामना करना पड़ेगा. इसकी एक प्रमुख वजह यही है कि कांग्रेस आलाकमान ने अपने कई दिग्गज नेताओं को नाराज कर दिया है. हालांकि कांग्रेस ने एक सकारात्मक कदम उठाते हुए इस बार हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में नए चेहरों पर दांव लगाया है. बीजेपी को कड़ा मुकाबला देने के लिए यह कदम रणनीतिक तौर पर कारगर साबित हो सकता है. वजह यही है कि कोई पूर्व धारणा नहीं होने का फायदा इन नए चेहरों को मिल सकता है.
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70 से अधिक नए चेहरों को टिकट
गौरतलब है कि कांग्रेस पार्टी ने दोनों राज्यों में 70 से अधिक युवा व नए चेहरों को चुनाव मैदान में उतारा है. कांग्रेस ने उन सीटों पर नए चेहरों को ज्यादा तरजीह दी है, जहां मौजूदा विधायक, पूर्व विधायक या वरिष्ठ नेता पार्टी का साथ छोड़ गए हैं. महाराष्ट्र कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि पार्टी ने राज्य विधानसभा चुनाव में करीब 55 नए चेहरों को टिकट दिया है. इनमें से कई नए चेहरे राजनीतिक परिवारों से ताल्लुक रखते हैं पर वे पहली बार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं.
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फिर भी कम नहीं चुनौतियां
पूर्व मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख के तीसरे बेटे धीरज देशमुख का नाम भी इनमें शामिल हैं. वह लातूर सीट से चुनाव मैदान में हैं. हरियाणा में भी कांग्रेस ने करीब 17 नए चेहरों को मौका दिया है. इनमें से कुछेक का ताल्लुक राजनीतिक परिवारों से हैं. हालांकि ऐसा भी नहीं है कि नए चेहरों को मौका देने भर से ही कांग्रेस को चुनावी वैतरणी पार करने में आसानी होगी. उसके लिए नाराज होने के बाद बागी नेता खासी चुनौती पेश करेंगे.
HIGHLIGHTS
- कांग्रेस आलाकमान ने हरियाणा-महाराष्ट्र में खेला नए चेहरों पर दांव.
- फिर भी आसान नहीं होगा चुनाव वैतरणी पार करना.
- बागी नेताओं से मिलेगी कड़ी चुनौतियां.