केरल में वामपंथी गठबंधन के पास मुख्यमंत्री पिनराई विजयन का आजमाया हुआ नेतृत्व है, मगर कांग्रेस में एके एंटनी और ओमन चांडी जैसे दिग्गजों के बाद रमेश चेन्नीथला के लिए जनता की कसौटी पर खुद को साबित करने की सबसे बड़ी चुनौती है. चुनाव के दरम्यान केरल में वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं के असंतोष और अंदरूनी उठापटक की बातें रमेश चेन्नीथला की इस चुनौती को कहीं ज्यादा बढ़ाती दिख रही हैं. रमेश चेन्नीथला (Ramesh Chennithala) को कांग्रेस (Congress) पार्टी ने इस बार केरल में नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी सौंपी थी. इस जिम्मेदारी को उन्होंने भली-भांति निभाया है.
राज्य में विधानसभा चुनावों के लिए 6 अप्रैल को मतदान होना है. पार्टी ने इस बार उन्हें अलप्पुझा के हरिपद सीट से चुनावी मैदान में उतारा है. हरिपद कांग्रेस का गढ़ नहीं है, लेकिन 64 वर्षीय चेन्नीथला 1982 में पहली बार यहां से चुनाव लड़ने के बाद कभी हारे नहीं हैं. कांग्रेस नेता यहां से 1982, 1987, 2011 और 2016 में चुनकर विधानसभा गए हैं. एक बार फिर से वे कांग्रेस की टिकट पर इसी सीट से अपना पर्चा दाखिल कर चुके हैं.
राजनीतिक सफर
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64 वर्षीय रमेश चेन्नीथला ने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत 1970 के दशक में छात्र इकाई केएसयू के एक नेता के तौर पर की थी. वह केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष हैं और चांडी सरकार के दौरान उनके पास गृह प्रभार था. चेन्नीथला ने 1986 में तत्कालीन करुणाकरन मंत्रालय में 28 वर्ष की आयु में मंत्री बनकर इतिहास रच दिया था.
गृह मंत्री रह चुके हैं
साल 1990 में वे राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष भी बने थे और वह राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कांग्रेस का जानामाना चेहरा बन गए. कांग्रेस के संयुक्त सचिव बनने के बाद वह 2006-2014 के दौरान केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बने. वह बाद में 01 जनवरी 2014 को ओमन चांडी नीत यूडीएफ सरकार में शामिल हो गए और गृह प्रभार संभाला.
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सरकार बनाने का दावा किया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रमेश चेन्नीथला ने इस बार केरल में कांग्रेस की सरकार बनने का दावा किया. उन्होंने कहा कि केरल की जनता केरल के शासन में बदलाव चाहती हैं. मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन की अध्यक्षता वाले कार्यालय से जुड़े सोने की तस्करी मामले ने लोगों का अपमान किया है. विपक्ष के रूप में पिछले पांच वर्षों में यूडीएफ के प्रदर्शन से लोग बहुत खुश हैं.
HIGHLIGHTS
- हरिपद सीट से कभी चुनाव नहीं हारे रमेश चेन्नीथला
- 1982, 1987, 2011 और 2016 में इस सीट से जीत चुके हैं
- केरल के गृहमंत्री भी रह चुके हैं रमेश चेन्नीथला