राजस्थान में कांग्रेस पार्टी टिकट वितरण को लेकर काफी बड़ी दुविधा में हैं, जबकि विधानसभा चुनाव अगले महीने सात दिसंबर को होने वाले हैं. पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि 3000 लोगों ने टिकट के लिए दावा किया है. इससे पार्टी के लिए प्रत्याशियों के चयन में तमाम मुश्किलें पेश आ रही हैं. पार्टी को डर है कि टिकट न मिलने से नाराज नेता बगावत न कर दें.
न्यूज़ नेशन के ओपिनियन पोल में राजस्थान में कांग्रेस को पूर्ण बहुमत मिलने का अनुमान जताया गया है. इस बीच पार्टी नहीं चाहती कि प्रत्याशियों के चयन में नेताओं की किसी तरह की नाराजगी मोल ली जाए और वह विद्रोह कर जाएं.
पार्टी की स्क्रीनिंग कमेटी की चेयरपर्सन कुमारी शैलजा ने शुक्रवार को बताया कि उम्मीदवारों के चयन में उन दावेदारों को वरीयता दी जाएगी, जिनके जीतने की उम्मीद अधिक होगी. उन्होंने यह भी कहा कि इस बारे में अंतिम फैसला पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी करेंगे. हालांकि राज्य भर से दावेदारों के बारे में मिले इनपुट को नजरअंदाज नहीं किया जायेगा. वह जयपुर में प्रेस कांफ्रेंस को सम्बोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा कि काबिल महिलाओं को भी टिकट वितरण में वरीयता दी जाएगी.
बताया जा रहा है कि प्रत्याशियों के चयन में पारदर्शिता बरतने के लिए टिकट के दावेदारों को दिल्ली में पार्टी मुख्यालय बुलाया जा सकता है.
इस बीच, मध्य प्रदेश में प्रत्याशियों के चयन की प्रक्रिया अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है. पार्टी सूत्रों की बात पर यकीन करें तो करीब 100 सीटों के लिए उम्मीदवारों का चयन हो चुका है. कुछ बाहरी उम्मीदवारों को भी टिकट वितरण में वरीयता दी जाएगी. पार्टी ने यह भी तय किया है कि 45 वर्तमान विधायकों को फिर से टिकट दिया जायेगा.
राजस्थान में 200 विधानसभा सीटों पर सात दिसंबर को, जबकि मध्य प्रदेश में 230 सीटों पर 28 नवंबर को चुनाव होंगे. न्यूज़ नेशन के ताजा ओपिनियन पोल के अनुसार राजस्थान में कांग्रेस वसुंधरा राजे सरकार को सत्ता से बेदखल कर सकती है, वही मध्य प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर होने का अनुमान है.
Source : News Nation Bureau