प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पंडित जवाहरलाल नेहरू के कारण गोवा की आजादी में देरी होने वाले बयान पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने शुक्रवार को पीएम मोदी पर इतिहास को तोड़ने-मरोड़ने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का इतिहास को विकृत करने का यह हमेशा से भरा एक प्रयास है. इसके साथ ही उन्होंने इस बात को दोहराया कि देश के पहले प्रधानमंत्री ने गोवा को लेकर बिल्कुल सही वक्त पर कार्रवाई की थी। इसके साथ ही चिदंबरम ने इस बार कांग्रेस पार्टी के पूरी तरह एकजुट होने का दावा भी किया। उन्होंने एक समाचार एजेंसी को दिए इंटरव्यू में कहा कि गोवा विधानसभा में चुनकर जाने वाला कांग्रेस का कोई विधायक इस बार भाजपा में शामिल नहीं होगा। उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस अपने घर को दुरुस्त कर चुकी है और इस बार गोवा की जनता भाजपा को सबक सिखाएगी। मुख्यमंत्री का चेहरा नहीं घोषित करने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इस चुनाव में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित नहीं किया जाना कोई मायने नहीं रखता है। चिदंबरम ने उम्मीद जताई कि इस चुनाव में कांग्रेस और गोवा फॉरवर्ड पार्टी के गठबंधन को सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि अगर चुनाव बाद किसी स्थिति में दूसरी पार्टियां भाजपा के प्रयास का विरोध करती हैं और हमारा समर्थन करती हैं तो हम उनसे निश्चित तौर पर बात करेंगे।
तृणमूल और आप पर लगाया वोटों को बांटने का आरोप
पूर्व गृह मंत्री गोवा चुनाव के लिए कांग्रेस के वरिष्ठ चुनाव पर्यवेक्षक चिदंबरम ने भाजपा के साथ ही आप और तृणमूल पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि हर गुजरते दिन के साथ मतदाताओं के सामने यह पूरी तरह स्पष्ट होती जा रही है कि उन्हें भाजपा या कांग्रेस में से किसी एक को चुनना है। वहीं, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस जैसे ‘छोटे दलों के गोवा में चुनाव लड़ने पर उन्होंने कहा कि ये पार्टियां सिर्फ भाजपा-विरोधी मतों का विभाजन कर रहे हैं।
पंडित नेहरू ने गोवा की आजादी के लिए सही वक्त पर दिया दखल
चिदंबरम ने प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के गोवा की आजादी में पंडित नेहरू के कारण विलंब होने वाले बयान पर कहा कि यह इतिहास को विकृत करने और फिर से लिखने का ‘हताशा भरा प्रयास’ है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह प्रथम विश्व युद्ध के बाद के इतिहास को नहीं जानते। वे स्वतंत्र भारत, खासकर 1947-60 के बीच के इतिहास को तो बिल्कुल भी नहीं जानते है। वे नहीं जानते कि किस तरह से देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने बड़ी कुशलता के साथ भारत को उस स्थिति में ले गए कि देश शांति का सिरमौर और गुटनिरपेक्ष आंदोलन का सर्वस्वीकार्य अगुआ बन गया। इसका दावा किया कि देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने गोवा को आजाद कराने के लिए सही वक्त पर दखल दिया था। यही वजह है कि सैन्य कार्रवाई के खिलाफ कोई एक स्वर नहीं उठा। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने कहा कि गोवा के लोगों को जनमत सर्वेक्षण के माध्यम से अपने भविष्य का फैसला करने का अवसर दिया गया। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस वक्त अगर गोवा एक स्वतंत्र प्रदेश है तो इसका श्रेय पंडित नेहरू और जनमत सर्वेक्षण को जाता है। मोदी जी और अमित शाह कुछ भी कहें और इतिहास को कितना भी विकृत करने की कोशिश कर लें, लेकिन गोवा के लोग नेहरू के बड़े योगदान को हमेशा याद रखेंगे।
यह कहा था पीएम मोदी और गृहमंत्री शाह ने
प्रधानमंत्री मोदी ने गुरुवार को कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि अगर देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू चाहते, तो गोवा को 1947 में भारत को आजादी मिलने के कुछ घंटों के भीतर आजाद कराया जा सकता था, लेकिन सही समय पर दखल नहीं देने की वजह से राज्य को पुर्तगाली शासन से मुक्त होने में 15 साल लग गए। गौरतलब है कि हाल ही में अमित शाह ने भी ऐसी ही टिप्पणी की थी। आपको बता दें कि गोवा पुर्तगाल के शासन से भारत की आजादी के 14 साल बाद 19 दिसंबर, 1961 को आजाद हुआ । इसके बाद 30 मई, 1987 को अलग राज्य बना। इससे पहले गोवा केंद्रशासित प्रदेश दमन एवं दीव का हिस्सा था।
Source : News Nation Bureau