दिल्ली में हार के बाद आम आदमी पार्टी जश्न मना रही है. अरविंद केजरीवाल सरकार बनाने का दावा पेश कर चुके हैं. बीजेपी चिंतन-मनन करने को आज महासचिवों की बैठक बुला रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस आप की जीत और बीजेपी की हार से झूम उठी है. कांग्रेस के कई बड़े नेताओं ने दिल्ली में शून्य पर आउट होने को उतनी अहमियत नहीं दी, जितनी बीजेपी की हार पर इतराए. इन वरिष्ठ नेताओं में पी चिदंबरम भी शामिल थे. दूसरी ओर, पार्टी के कई नेताओं को इन वरिष्ठ नेताओं की बयानबाजी अखर गई. शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पी चिदंबरम के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए उन पर निशाना साधा.
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पी चिदंबरम ने क्या कहा था
चिदंबरम ने बीजेपी की हार और आम आदमी पार्टी की जीत के बाद ट्वीट करते हुए कहा, दिल्ली के लोग, जो भारत के सभी हिस्सों से हैं, ने भाजपा के ध्रुवीकरण, विभाजनकारी और खतरनाक एजेंडे को हराया है. मैं दिल्ली के लोगों को सलाम करता हूं जिन्होंने 2021 और 2022 में अपना चुनाव कराने वाले अन्य राज्यों के लिए एक उदाहरण पेश किया है.
शर्मिष्ठा मुखर्जी क्या बोलीं
शर्मिष्ठा मुखर्जी ने पी चिदंबरम के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए कहा, उचित सम्मान के साथ, सर बस जानना चाहते हैं कि क्या कांग्रेस ने बीजेपी को हराने का जिम्मा क्षेत्रीय पार्टियों को दे रखा है? यदि नहीं, तो फिर हम अपने नशे में डूबने के बजाय AAP की जीत पर गर्व क्यों कर रहे हैं? और अगर ऐसा है तो हमें प्रदेश कांग्रेस कमेटियों की दुकान को बंद कर सकते हैं!
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कमलनाथ भी बीजेपी की हार पर इतराए थे
उधर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी दिल्ली विधानसभा चुनावों में बीजेपी की हार पर खुशी जताते हुए कहा था, लोग भाजपा का चेहरा पहचानने लगे हैं. पार्टी संगठन को पहले से पता था- नतीजे क्या हो सकते हैं, लेकिन दिल्ली की जनता ने भाजपा को पूरी तरीके से नकार दिया है, जबकि भाजपा ने वहां अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी.
संदीप दीक्षित बोले, हम कहीं नहीं थे
दिल्ली के पूर्व सीएम शीला दीक्षित के बेटे संदीप दीक्षित ने कहा था, ' कांग्रेस का प्रदर्शन आश्चर्यजनक नहीं है...हम कहीं नहीं थे. हमने शीला जी द्वारा किए गए काम को दिखाने की कोशिश की लेकिन यह कोशिश देर से शुरू हुई. क्योंकि सुभाष चोपड़ा जी को जिम्मेदारी देर से दी गई थी.
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सीएम कैप्टन अमरिंदर के मंत्री भी हुए थे खुश
पंजाब सरकार में मंत्री साधु सिंह धर्मसोत ने कहा था, दिल्ली में उनकी पार्टी हारी नहीं है, क्योंकि उसकी सीटें 2015 की भांति ही शून्य बनी हुई हैं. यह तो भाजपा की हार है. ‘हम पहले शून्य थे, और अब भी शून्य हैं. इसलिए यह हमारी हार नहीं है. यह भाजपा की हार है.'
Source : News Nation Bureau