मिजोरम में 3 दिसंबर की जगह 4 दिसंबर को वोटों की गिनती की जाएगी. चुनाव आयोग ये जानकारी दी है. इसके लिए बीते एक सप्ताह से विभिन्न संगठन डिमांड कर रहे थे. मिजोरम की 40 सीटों पर 30 नवंबर को मतदान हुआ था. निर्वाचन आयोग के अनुसार, मिजोरम के लोगों के लिए रविवार का विशेष महत्व रहा है. इस दिन ईसाइयों का एक पवित्र दिन माना जाता है. इस वजह से तारीखों में बदलाव किया गया है. तिथि बदलने को लेकर उनसे कई लोगों को गुहार लगाई थी. आपको बता दें कि तीन दिसंबर को मिजोरम में ईसाई समुदाय का त्योहार है. इसके कारण तारीखों में बदलाव किया गया है. राज्य में 87 फीसदी ईसाई समुदाय की आबादी मौजूद है. लोगों की मांग है कि तारीख में बदलाव किया जाए.
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बताया जा रहा है कि शुक्रवार (1 दिसंबर) को राजभवन के नजदीक एक रैली हुई थी. एनजीओसीसी के चेयरमैन लालह्म छुआना ने चुनाव आयोग पर आरोप लगाया कि पॉलिटिकल पार्टी, चर्चों और एनजीओ ने चुनाव आयोग से कई बार काउंटिंग की तारीख बदलने की अपील की, लेकिन उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. दरअसल, मिजोरम में बड़ी संख्या में क्रिस्चिन समुदाय के लोग निवास करते हैं. रविवार को ईसाइयों के लिए पवित्र के रूप में जाना जाता है. ईसाई समुदाय कई कार्यक्रमों को आयोजित करता है. काउंटिंग की वजह से इसमें बदलाव करना पड़ेगा. इसकी मांग की जा रही है. इस दिन राज्य में मतों की काउंटिंग न कराई जाए.
मिजोरम की 40 विधानसभा सीटों पर सात 7 नवंबर को मतदान होना है. राज्य में 77.04% वोटिंग हुई थी. सेरछिप में सबसे अधिक 77.78% तो सियाहा में सबसे कम 52.02 प्रतिशत मदान हुआ. वहीं आइजोल में 65.06 प्रतिशत मतदान हुआ. मिजोरम में 2018 के विधानसभा चुनाव में 81.61% मतदान किया गया.
Source : News Nation Bureau