दिल्ली की रोहतास नगर विधानसभा सीट उत्तर-पूर्वी दिल्ली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आती है. दिल्ली चुनाव 2020 में रोहतास नगर से BJP के जितेंद्र महाजन और आप की सरिता सिंह में कड़ी टक्कर है. इस सीट से कांग्रेस ने विपिन शर्मा को टिकट दी है. मौजूदा समय में इस सीट पर आम आदमी पार्टी की सरिता सिंह विधायक हैं. यदि इस विधानसभा सीट की बात करें तो 1993 विधानसभा चुनाव में इस सीट पर बीजेपी के आलोक कुमार ने जीत दर्ज की थी. जिसके बाद 15 साल तक इसी सीट पर कांग्रेस का राज रहा. 1998 विधानसभा, 2003 विधानसभा और 2008 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस ने लगातार तीन बार यहां से जीत दर्ज की.
रोहतास नगर विधानसभा सीट पर 2009 में हुए उपचुनाव में भी कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की थी. लेकिन 2013 में हुए चुनाव में बीजेपी के जीतेंद्र कुमार बाजी मार गए. हालांकि, जीतेंद्र कुमार रोहतास नगर के स्थायी विधायक नहीं रह सके, क्योंकि 2015 चुनाव में आम आदमी पार्टी की सरिता सिंह ने उन्हें हराकर विधायक की गद्दी हथिया ली.
आम आदमी पार्टी ने काट दिया था मुकेश हूडा का टिकट
2015 विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी की वापसी के बाद रोहतास नगर का माहौल बदल गया. आम आदमी पार्टी की सरिता सिंह ने रोहतास नगर का गणित बदल दिया. साल 2013 में हुए चुनाव में आम आदमी पार्टी इस सीट से जीतेंद्र हूडा को टिकट दिया था, जिन्हें बीजेपी के जीतेंद्र कुमार ने हरा दिया था. लेकिन 2015 में हुए चुनावों में आम आदमी पार्टी ने जीतेंद्र हूडा की टिकट सरिता सिंह को सौंप दी, जिन्होंने बीजेपी के जीतेंद्र महाजन को करीब 8 हजार वोटों के अंतर से हरा दिया और विधायक बनीं.
2015 विधानसभा चुनाव में हुई थी 70.69 प्रतिशत वोटिंग
2015 विधानसभा चुनाव के आंकड़ों के मुताबिक इस क्षेत्र में कुल मतदाताओं की संख्या 1,91,586 है. जिनमें 1,01,781 पुरुष और 89,795 महिला मतदाता हैं. 2015 विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर 1,35,439 लोगों ने वोट डाला था. पिछले बार यहां कुल 70.69 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. 2015 विधानसभा चुनाव में इस सीट से कुल 10 उम्मीदवार मैदान में थे.
दिल्ली में 8 फरवरी को होंगे विधानसभा चुनाव
दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों पर 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 11 फरवरी को नतीजे आएंगे. पिछले विधानसभा चुनाव में दिल्ली की 70 में से 67 सीटों पर आम आदमी पार्टी की जीत हुई थी. बीजेपी को सिर्फ तीन सीटें ही मिलीं थीं, जबकि कांग्रेस का खाता भी नहीं खुला था.
Source : Sunil Chaurasia