आगामी 8 फरवरी को होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव की तैयारियां दिन-ब-दिन जोर पकड़ती जा रही हैं. इसी के चलते चुनाव आचार संहिता लगने वाले दिन से लेकर 14 जनवरी 2020 तक राजधानी के विभिन्न इलाकों से चुनाव प्रक्रिया से जुड़ी तमाम संबंधित महकमों की टीमें 6 करोड़ 39 लाख की जब्ती कर चुकी हैं. इस जब्ती में सिर्फ आयकर विभाग द्वारा पकड़ी गई नकदी ही एक करोड़ से ज्यादा की है.
यह जानकारी बुधवार को राज्य निर्वाचन मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने दी. उन्होंने कहा, 'छापेमारी की कार्यवाही के दौरान करीब 1 करोड़ 17 लाख कीमत की अन्य तमाम कीमती चीजें जब्त की जा चुकी हैं. इस हिसाब से अब तक का कुल सीजर, एक अनुमान और उपलब्ध आंकड़ों के हिसाब से करीब 6 करोड़ 39 लाख का पता चला है.'
शांतिपूर्ण चुनाव आयोजित कराने की तैयारियों के तहत ही अब तक 130 अवैध हथियार पकड़े जा चुके हैं. जबकि 2782 लाइसेंसी हथियार जमा हुए हैं. इसी क्रम में शस्त्र अधिनियम के तहत 110 मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि 121 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. चुनाव को लेकर अभी तक झगड़ा होने का एक मामला पुलिस के पास पहुंचा था.
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1437 लोगों के खिलाफ सीआरपीसी के तहत कार्यवाही अमल में लाई जा चुकी है. जबकि 32 हजार 131 के खिलाफ दिल्ली पुलिस अधिनियम के तहत कार्यवाही की गई है. इसी तरह आबकारी टीमों द्वारा अब तक की गई छापेमारी में 309 लोगों के गिरफ्तार किये जाने की जानकारी भी बुधवार को दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने दी.
दिल्ली के कश्मीरी गेट स्थित राज्य निर्वाचन मुख्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शाहीन बाग में एक महीने से चल रहे धरना-प्रदर्शन का सवाल भी प्रमुखता से उठा. इससे संबंधित सवालों से घिरे, दिल्ली के विशेष पुलिस आयुक्त (विशेष शाखा) प्रवीर रंजन मीडिया को कोई माकूल जबाब नहीं दे सके. सिवाय इसके कि हम देख रहे हैं. कुछ बेहतर ही निकलेगा. कोशिशें जारी हैं आदि-आदि.
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मतदान स्थल पर एक दिन पहले ही चुनाव ड्यूटी में लगे अधिकारियों-कर्मचारियों के पहुंचने को लेकर भी संवाददाता सम्मेलन में तमाम सवाल उठे. इस बाबत मुख्य चुनाव अधिकारी डॉ. रणबीर सिंह ने कहा, 'टीचर एसोसिएशन चुनाव अधिकारियों से मिली थी. उनका कहना था कि एक दिन पहले मतदान केंद्र पर पहुंचने में चुनाव ड्यूटी में लगी महिला अधिकारी-कर्मचारियों को खासी परेशानी आएगी.
उन्हें आश्वासन दिया गया है कि जो एक रात पहले पहुंच सकती हैं पहुंच जाएं. जो नहीं आ सकती हैं उनकी सुविधा का भी ख्याल रखा जाएगा. हालांकि देश के बाकी तमाम राज्यों में मतदान में जुटे अधकारी-कर्मचारियों को एक रात पहले ही पहुंचना होता है. इसकी पुष्टि के लिए हमारी टीमों ने महाराष्ट्र चुनावों के दौरान मुंबई का दौरा भी किया था.
Source : News Nation Bureau