दिल्ली चुनाव में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है. नतीजे आने के बाद कांग्रेस के दिल्ली प्रभारी पीसी चाको ने इस्तीफा दिया है. चुनाव में कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली है. इससे पहले कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने दी मंगलवार को नतीजे आने के बाद इस्तीफा दे दिया था. इससे पहले चुनाव के बाद एग्जिट पोल के नतीजों पर पीसी चाको ने कहा था कि चुनाव परिणाम आने के बाद यह तय किया जाएगा कि कांग्रेस आम आदमी पार्टी के साथ गठबंधन करती है या नहीं.
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उन्होंने कहा कि एग्जिट पोल के रिजल्ट सही नहीं हैं. इस बयान के बाद पीसी चाको की जमकर खिंचाई की गई थी. पिछले विधानसभा चुनाव में भी कांग्रेस शून्य पर सिमट गई थी. गौरतलब है कि 2013 के विधान सभा चुनाव परिणा के बाद भी कांग्रेस आम आदमी पार्टी को समर्थन दे चुकी है. उस चुनाव में आम आदमी पार्टी को उस चुनाव में 28 सीटें मिली थी जबकि कांग्रेस को 8 सीटें मिली थी. कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने बीजेपी को सत्ता से बाहर रखने के लिए साथ मिलकर सरकार बना ली थी. हालांकि यह सरकार ज्यादा दिन नहीं चल सकी. महज तीन महीने बाद ही अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा दे दिया और दोबारा हुए चुनाव में कांग्रेस का दिल्ली से सूपड़ा साफ हो गया. कांग्रेस के 2015 के चुनाव में एक भी सीट नहीं मिली थी.
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दूसरी तरफ मंगलवार को चुनाव नतीजे आने के बाद कांग्रेस की करारी शिकस्त पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा ने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए मंगलवार को पद से इस्तीफा दे दिया. चोपड़ा के अनुसार उन्होंने दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी (डीपीसीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने से कहा, मैंने हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है. अब आलाकमान को मेरे इस्तीफे पर निर्णय लेना है. उन्हें पिछले साल अक्टूबर में डीपीसीसी अध्यक्ष नियुक्त किया गया था. 72 वर्षीय चोपड़ा पहले भी 1998 से 2003 तक दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष रहे हैं.
Source : News Nation Bureau