सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) सरकार को आदेश दिया है कि बुधवार यानी 27 नवंबर को शाम 5 बजे फ्लोर टेस्ट (Floor Test) का सामना करें. फैसला पढ़ते हुए सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस एनवी रमना (Justice NV Ramanna) ने कहा, संसदीय परंपराओं में कोर्ट का दखल नहीं होना चाहिए. विधायिका के अधिकार पर लंबे समय से बहस चल रही है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा, घोड़ा बाजार (Horse Trading) को रोकने के लिए हम यह फैसला दे रहे हैं. कोर्ट ने यह भी कहा कि बहुमत परीक्षण (Floor Test) का सीधा प्रसारण किया जाएगा.
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सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि यह महाराष्ट्र (Maharashtra) को लेकर अंतरिम आदेश (Interim Order) है. इस पर विस्तृत फैसला 8 हफ्ते बाद इस मामले में दोबारा सुनवाई होगी. कोर्ट ने यह भी साफ कर दिया कि फ्लोर टेस्ट में सीक्रेट बैलेट (Secret Ballet) का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. प्रोटेम स्पीकर (Protem Speaker) पहले शपथ दिलाएंगे और उसके बाद फ्लोर टेस्ट होगा. कोर्ट के इस अंतरिम फैसले से यह साफ हो गया कि फ्लोर टेस्ट प्रोटेम स्पीकर ही कराएंगे.
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इससे पहले शनिवार देर शाम को शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस ने देवेंद्र फडणवीस सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की शरण ली थी. रविवार को इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आपात सुनवाई की और संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया. सोमवार को सुबह सुप्रीम कोर्ट में गरमागरम सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस के वकीलों ने मांग की कि महाराष्ट्र में जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट कराए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने यह मांग मान ली और बुधवार शाम 5 बजे तक देवेंद्र फडणवीस सरकार को बहुमत साबित करने का आदेश दिया है.
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सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद अब सवाल उठता है कि महाराष्ट्र विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर कौन होगा. प्रोटेम स्पीकर पहले सभी विधायकों को शपथ दिलाएंगे और फिर फ्लोर टेस्ट की प्रक्रिया शुरू होगी. सभी पार्टियां प्रोटेम स्पीकर को अपने व्हिप के बारे में बताएंगी. परंपरा के अनुसार, सदन के सबसे वरिष्ठ सदस्य को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है. सबसे अधिक बार चुनकर आए विधायक को प्रोटेम स्पीकर बनाया जाता है, जिसे राज्यपाल मनोनित करते हैं.
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो