पश्चिम बंगाल में सियासी पारा लगातार चढ़ता जा रहा है. मंगलवार को नंदीग्राम पहुंची मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मुलाकात के वक्त चंडीपाठ कर के बीजेपी के हिंदुत्व कार्ड के असर को काटने की कोशिश की तो वहीं दूसरी तरफ उन्होंने यह भी कहा कि वह खुद ब्राह्मण हिंदू परिवार से हैं और उन्हें हिंदू होना न सिखाया जाए. ममता बनर्जी ने कहा कि जो लोग हिंदू-मुस्लिम कार्ड खेल रहे हैं, मैं उन्हें साफ बताना चाहती हूं कि मैं भी एक हिंदू परिवार से आई लड़की हूं. मेरे साथ हिंदू कार्ड मत खेलो.'
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ममता बनर्जी से नंदीग्राम से चुनाव लड़ने की घोषणा के बाद उनका यह पहला औपचारिक दौरा था. उन्होंने कार्यकर्ताओं से बातचीत में कहा कि 'हर दिन जब मैं घर से बाहर निकलती हूं तो चंडीपाठ पढ़ती हूं. उनसे कहो कि हिंदू धर्म को पर मुझसे प्रतिस्पर्धा करें.' जब से ममता बनर्जी ने नंदीग्राम से चुनाव लड़ने को ऐलान किया है, बीजेपी उन्हें बाहरी बता रही है. इस पर ममता बनर्जी ने कहा कि वह बंगाल में पैदा हुई हैं तो बाहरी कैसे हो सकती हैं. बाहरी तो वह लोग हैं जो दिल्ली से आ रहे हैं.
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खुद पर हिंदू विरोधी होने का आरोप लगाने वालों को भी उन्होंने जवाब दिया. ममता बनर्जी ने कहा कि वह एक ब्राह्मण हैं और हिंदू रस्मों के बारे में भगवा पार्टी के नेताओं से कहीं ज्यादा जानती हैं. उन्होंने यहां तक चुनौती दे डाली कि अगर किसी को उनके धर्म के बारे में शक है तो वह उनसे बहस के लिए भी तैयार हैं. ममता गुरुवार को नंदीग्राम में शिवरात्रि की पूजा करेंगी. गौरतलब है कि बंगाल में इस बार आठ चरणों में चुनाव होने हैं. ममता बनर्जी ने इस बार अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर छोड़ नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का फैसला किया है. बीजेपी लगातार आरोप लगा रही है कि ममता को इसका पता चल गया था कि वह भवानीपुर में नहीं जीत पाएंगी, ऐसे में उन्होंने नंदीग्राम से लड़ने का फैसला लिया है.
HIGHLIGHTS
- ममता बनर्जी इस बार नंदीग्राम से चुनाव लड़ रही हैं
- ममता पर बीजेपी नंदीग्राम में बाहरी होने का आरोप लगा रही है
- ममता ने बीजेपी को हिंदू धर्म पर बहस की चुनौती दी है