उत्तर प्रदेश में सभी राजनीतिक दल कोरोना प्रोटोकॉल्स के साथ समय पर विधानसभा चुनाव चाहते हैं. राज्य में चुनाव की तैयारियों की समीक्षा के बाद देश के मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) सुशील चंद्रा ने गुरुवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेस कर इससे जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक की. चुनाव आयोग (Election Commission of India) की टीम के यूपी दौरे के तीसरे दिन उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग निष्पक्ष और कोविड-19 के खतरे से सावधान होकर चुनाव कराने को लेकर प्रतिबद्ध है. हमने बीते दिनों में सभी प्रमुख दलों के साथ बैठक की और उनकी बातों को सुना. सभी DM, SP, DIG और पुलिस कमिश्नर से बात की. उनसे सभी जिले के लॉ एंड ऑर्डर के बारे में जानकारी ली. कोविड सेफ्टी के विषय मे भी जानकारी ली गई. आयकर, GST, एक्साईज, बैंक और तमाम स्टेक होल्डर से बात की. उनसे तैयारियों के बारे में काफी इनपुट्स मिले हैं.
चंद्रा ने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि प्रलोभन और मादक पदार्थों से रहित ये चुनाव हों. उन्होंने बताया कि राजनीति दलों के प्रतिनिधियों ने कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए समय पर चुनाव मांग की. कुछ दलों ने रैली में आ रही भीड़ को लेकर चिंता जाहिर की और रैलियों में आ रही भीड़ को नियंत्रित करने की मांग की. कुछ दलों ने बायस्ड अधिकारियों के बारे में शिकायतें कीं. अधिकतर दलों ने प्रचार प्रसार के दौरान, धनबल, प्रलोभन और मतदाताओं को भय में लाने की भी शिकायत की. CEC ने कहा कि रैलियों पर रोक लगानी है या नहीं इसका फैसला आचार संहिता लागू होने के बाद ही करेंगे.
पक्षपात के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति
CEC सुशील चंद्रा ने जोर देकर कहा कि बायस्ड अधिकारियों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी और पक्षपात करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने सभी अधिकारियों से निष्पक्ष होकर चुनाव में भाग लेने की अपील की. चंद्रा ने कहा कि आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों को अपनी ऊपर लगे आरोपों और धाराओं की जानकारी अखबार और टीवी के जरिए लोगों को देनी होगी. सियासी दलों को भी विज्ञापन देकर बताना होगा कि आपराधिक पृष्ठभूमि के उम्मीदवारों का चयन उन्होंने क्यों किया है. उन्होंने बताया कि हम पेड न्यूज पर भी सख्ती से लगाम लगाएंगे.
कोविड-19 और ओमीक्रॉन को लेकर ये तैयारी
मुख्य चुनाव आयुक्त ने कोरोनावायरस की तीसरी लहर से जुड़े सवाल पर कहा कि अभी कोविड का नया खतरा पैदा हो गया है. उत्तर प्रदेश में 80 फीसदी से ज्यादा लोगों को पहली और 49 फीसदी लोगों को दूसरी डोज लग चुकी है. हमने आदेश दिया है कि वैक्सिनेशन की रफ्तार बढ़ाई जाए, जिससे 100 फीसदी लोगों को कम से कम पहली डोज लग ही जाए. मुझे बताया गया है कि UP में ओमीक्रॉन कोई बड़ा खतरा नहीं है. अभी तक सिर्फ 4 केस सामने आए हैं. जो लोग पोलिंग ड्यूटी पर लगाए जाएंगे वो सभी वैक्सिनेटेड होंगे. जिन लोगों को जरूरत होगी उन्हें बूस्टर डोज भी दिए जाएंगे. राज्य और जिला स्तर पर हेल्थ नोडल ऑफिसर भी तैनात किए जाएंगे. वहीं, पूरे प्रदेश में पोलिंग टाइम को एक घंटा बढ़ाया जाएगा.
पुलिस-प्रशासन और सुरक्षा को लेकर सघन निगरानी
सुशील चंद्रा ने कहा कि कानून व्यवस्था के प्रबंध के लिए DGP, SP, DIG से विस्तृत चर्चा हुई है. उन्हें बायस्ड ना होने और किसी का फेवर ना करने के आदेश दिए गए हैं. तीन साल से एक ही जगह पर जमे अधिकारियों का तबादला किया जाएगा. पहली जनवरी तक ये काम हो जाने की उम्मीद है. 14 IPS और 39 UPPS का ट्रांसफर किया जा चुका है. सभी सीमा चौकियों पर CCTV से निगरानी रखी जाएगी.
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दिव्यांग और कोविड मरीजों के घर मतदान
उत्तर प्रदेश में 15.02 करोड़ से अधिक मतदाता है. मतदाता सूची बनने के बाद भी हम ऑप्शन देंगे कि जिनके नाम छूट गए हैं वो अपने नाम शामिल कर सकें.
मतदाता सूची से जुड़ी शिकायत को अटेंड करने के लिए सभी DM और DO को आदेश दिए गए हैं. पिछली बार के विधानसभा चुनाव यानी 2017 में 1000 पुरुष मतदाताओं पर 839 महिला मतदाता थीं. इस बार 1000 पुरुष मतदाताओं पर 868 मतदाता हैं. 10 लाख 64 हज़ार दिव्यांग मतदाता हैं. उनकी सुविधा के लिए मतदान केंद्रों में इंतज़ाम किए जाएंगे. 80 वर्ष से अधिक उम्र के दिव्यांग और कोविड पेशेंट मतदाताओं को उनके घर पर जाकर पोस्टल बैलेट का ऑप्शन देंगे. पारदर्शिता के लिए इस काम की वीडियो रिकॉर्डिंग भी कराएंगे.
मतदान केंद्रों पर होंगी ये सुविधाएं
पहले 1500 लोगों पर एक बूथ होता था इस बार कोविड को देखते हुए 1250 लोगों पर बूथ बनाए जाएंगे. इसलिए इस बार 11 हज़ार बूथ ज्यादा बनाए जाएंगे. 800 पोलिंग स्टेशन ऐसे होंगे जहां सभी सुरक्षाकर्मी और मतदानकर्मी सिर्फ महिला होंगी. मतदाता पहचान पत्र के अलावा 11 और दस्तावेज ऐसे होंगे जिन्हें पहचान पत्र की तरह इस्तेमाल करके वोट डाले जा सकेंगे. सभी बूथों पर EVM और VVPAT पर लगाए जाएंगे. एक लाख 73 हज़ार मतदान स्थलों में से कम से एक लाख मतदान स्थल की वेब कास्टिंग की जाएगी. साल 2017 में मतदान प्रतिशत 61 फीसदी था. साल 2019 में मतदान 59 फीसदी था. कम मतदान प्रतिशत से हम चिंतित हैं. कम मतदान वाले जिलों और तहसीलों को हमने चिन्हित किया है और वहां लोगों को जागरूक करने के लिए DM को आदेश दिया गया है.
HIGHLIGHTS
- 800 पोलिंग स्टेशन ऐसे होंगे जहां सभी सुरक्षाकर्मी और मतदानकर्मी सिर्फ महिला
- 80 वर्ष से अधिक उम्र, दिव्यांग और कोविड मरीज मतदाताओं के घर पोस्टल बैलेट
- CEC ने कहा- बायस्ड अधिकारियों के खिलाफ ज़ीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जाएगी