चुनाव आयोग ने विवादित तरीके से चुनाव प्रचार करने को लेकर बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर को 72 घंटे के लिए तो भाजपा सांसद परवेश वर्मा को 96 घंटे के लिए प्रचार करने पर रोक लगा दिया. इससे पहले चुनाव आयोग ने भारतीय जनता पार्टी से विवादित और भड़काऊ बयान देने वाले नेताओं अनुराग ठाकुर और परवेश वर्मा को पार्टी की स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने को कहा था. इससे पहले चुनाव आयोग ने मॉडल टाउन से बीजेपी उम्मीदवार कपिल मिश्रा पर 48 घंटे तक चुनाव प्रचार से दूर रहने का आदेश दिया था. साथ ही कपिल मिश्रा के विवादित ट्वीट को टि्वटर से बोलकर हटवा दिया था.
Election Commission bans MoS Finance Anurag Thakur for 72 hours from campaigning, BJP MP Parvesh Verma banned for 96 hours. #DelhiElections2020 pic.twitter.com/4KzPTozig8
— ANI (@ANI) January 30, 2020
अनुराग ठाकुर पर आरोप है कि उन्होंने रिठाला की एक रैली में 'देश के गद्दारों को गोली मारो’ नारा लगाया था. कांग्रेस ने चुनाव आयोग से इसकी शिकायत कर सख्त कार्रवाई की मांग की थी. रैली का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें अनुराग ठाकुर नारे लगाते दिख रहे हैं- “देश के गद्दारों को...”, जिसके भीड़ ने कहा, “गोली मारो***.” अनुराग ठाकुर रिठाला से बीजेपी प्रत्याशी मनीष चौधरी के समर्थन में एक जनसभा करने गए थे. चुनाव आयोग ने इसका संज्ञान लेते हुए उनसे सफाई भी मांगी है.
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दूसरी ओर, परवेश वर्मा ने कहा था, 'पहले जो आग केरल और पश्चिम बंगाल में लगी थी वह अब दिल्ली तक पहुंच चुकी है. धीरे-धीरे ये लोग आपके घरों में घुसेंगे. लोगों को मारेंगे, बहन बेटियों पर अत्याचार करेंगे. कल मोदी और अमित शाह आपको बचाने नहीं आएंगे. इसलिए आज सही समय है.'
उन्होंने कहा, 'यह बात नोट करके रख लेना, यह छोटा-मोटा चुनाव नहीं है बल्कि देश में स्थिरता और एकता का चुनाव है. 11 तारीख को अगर भारतीय जनता पार्टी की सरकार बन गई तो एक घंटे के अंदर शाहीन बाग में एक भी आदमी दिखाई दिया तो मैं भी यही हूं और आप भी यही हैं.'
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प्रवेश वर्मा ने सरकारी जमीन पर मस्जिद का मसला उठाते हुए कहा, 'दिल्ली में मेरी सरकार बन गई तो 11 तारीख के बाद केवल एक महीने का समय मुझे दे देना.. मेरी लोकसभा क्षेत्र में जितनी मस्जिद सरकारी जमीन पर बनी हैं उन सभी मस्जिदों को हटा देंगे.’
उधर, 23 जनवरी को कपिल मिश्रा ने एक ट्वीट में कहा था- 'दिल्ली में आठ फरवरी का चुनाव भारत और पाकिस्तान के बीच मुकाबले की तरह होगा.' चुनाव आयोग ने इस ट्वीट का संज्ञान लिया तो कपिल मिश्रा ने अपने बयान पर अडिग रहते हुए एक और ट्वीट किया- 'सच बोलने में डर कैसा, अपने बयान पर अडिग हूं.'
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चुनाव आयोग ने कपिल मिश्रा को नोटिस जारी कर कहा था कि आपकी बातों से आदर्श आचार संहिता के प्रावधानों का उल्लंघन होता है और इस कानून के अंतर्गत यह दंडनीय अपराध है. उनसे यह भी पूछा गया है कि कारण बताएं कि आपके खिलाफ क्यों न कार्रवाई शुरू की जाए? चुनाव आयोग ने टि्वटर से कहकर कपिल मिश्रा के ट्वीट को हटवा भी दिया था.
Source : News Nation Bureau