छत्तीसगढ़ में दो चरणों में हुई वोटिंग के बाद अब एग्जिट पोलों में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनती दिख रही है. शुक्रवार की शाम एग्जिट पोल आने के बाद 90 सीटों वाली छत्तीसगढ़ विधानसभा में यदि कांग्रेस को बहुमत मिलता है तो मुख्यमंत्री कौन होगा? इसकी कवायद शुरू हो गई है. वैसे मतगणना 11 दिसंबर को होगी और इसकी लाइव कवरेज आप News Nation और News State पर मंगलवार सुबह 8 बजे से देख सकते हैं.
छत्तीसगढ़ कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद के दावेदारों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है, अभी तक कांग्रेस के 4 नेता मुख्यमंत्री पद की दौड़ में खुद को सबसे आगे बता रहे हैं . पूरी सक्रियता के साथ कांग्रेसी नेता मुख्यमंत्री पद के लिए जोर आजमाईश लगाना शुरू कर दिए हैं . मुख्यमंत्री के दावेदार कुर्सी की दौड़ में एक-दूसरे को पटखनी देने में जुटे हुए हैं, कांग्रेस में “CM in Waiting” की लंबी कतार से पार्टी के भीतर एकबार फिर गुटबाजी और अंतरकलह उफान पर सकती है .
ताम्रध्वज साहू : सौम्य चेहरा और सरल स्वभाव के ताम्रध्वज साहू कांग्रेस में मुख्यमंत्री के सबसे प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं . ताम्रध्वज साहू फिलहाल छत्तीसगढ़ से कांग्रेस के एकमात्र सांसद हैं, साथ ही, वे पार्टी के राष्ट्रीय ओबीसी सेल के प्रमुख होने के अलावा कांग्रेस कार्यकारिणी में भी शामिल हैं . कांग्रेस के ओबीसी विंग के राष्ट्रीय अध्यक्ष होने के कारण एक बड़े वर्ग में इनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है .
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इस चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं को संगठित रखा, टिकट वितरण के बाद असंतोष को नहीं बढ़ने दिया, ओबीसी वर्ग खासकर बहुंसख्यक साहू समाज को साधकर रखा . माना जा रहा है कि कांग्रेस को यदि जनादेश मिलता है तो ताम्रध्वज साहू मुख्यमंत्री पद के लिए मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं .
टीएस सिंह देवः छत्तीसगढ़ विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष त्रिभुवनेश्वर शरण सिंहदेव उर्फ़ टीएस बाबा को कांग्रेस से मुख्यमंत्री (exit poll 2018) पद का प्रबल दावेदार माना जा रहा है. TS बाबा ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के रूप में रमन सरकार खिलाफ लगातार आक्रामक रहे. TS बाबा 6 फीट लंबे हैं और उनकी छवि एक मृदुभाषी नेता के रूप में है.वह रक्सेल 117वें उत्तराधिकारी हैं. सरगुजा के राजपरिवार से आने वाले TS सिंहदेव छत्तीसगढ़ के सबसे अमीर प्रत्याशी हैं.
सियासी सफर
2008 से TS बाबा विधानसभा में अंबिकापुर का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. उनकी माता देवेंद्र कुमारी मध्य प्रदेश की सिंचाई मंत्री रह चुकी हैं. पिता MS सिंहदेव मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव और योजना आयोग के उपाध्यक्ष भी थे.
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खासियत
इस बार उन्होंने न केवल कांग्रेस का घोषणा पत्र तैयार करने के लिए पूरे राज्य की जनता से राय लेने का अभियान चलाया बल्कि 80 फीसद प्रत्याशी उनकी पसंद के उतारे गए. उनकी उम्र 66 साल की है और उनमे गज़ब की फुर्ती भी दिखती है. अपने विरोधियों को शालीनता से जवाब देने की खूबी रखने वाले टीएस बाबा की पकड़ दंतेवाड़ा से लेकर अंबिकापुर के हर वर्ग में है. क्रिकेट खेलना और फिल्में देखना TS बाबा का प्रिय शौक है. दुबले पतले लम्बी काया के सिंहदेव खादी का कुर्ता पायजामा पहनते हैं. वह कभी साइकिल तो कभी जीप चलाते नज़र आते हैं. कभी कभी वह अपने निजी हेलीकॉप्टर में उड़ान भरते भी दिख जाते हैं.
भूपेश बघेलः पिछले चार साल से छत्तीसगढ़ कांग्रेस के अध्यक्ष हैं. वह पाटन सीट से वर्तमान में विधायक हैं. राज्य (exit poll 2018) में अपनी जमीनी पकड़ के कारण बघेल राजनीति में बड़ी पहचान बनाने में सफल रहे. सीडी कांड की वजह से सुर्खियों में रहे भूपेश बघेल को जेल जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने जमानत लेने से इनकार कर दिया था.
सियासी सफर
जब छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश का हिस्सा हुआ करता था तो भूपेश ने राजनीति की पारी यूथ कांग्रेस के साथ शुरू की थी. 1980 के दशक में दुर्ग जिले के रहने वाले भूपेश यहां के यूथ कांग्रेस के अध्यक्ष बने. 2000 में जब छत्तीसगढ़ अलग राज्य बना तो वह पाटन से विधायक चुने गए. और वह जोगी सरकार में कैबिनेट मंत्री भी बने.
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2003 में भूपेश को विपक्ष का उपनेता बनाया गया. अक्तूबर 2014 से वह कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष हैं. 2008 के चुनाव में 9343 वोट से बीजेपी के विजय बघेल से जीते थे. 2013 में पाटन से ही एकबार फिर चुनाव लड़े और 7842 वोटों से बीजेपी के विजय बघेल को फिर शिकस्त दी.
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बघेल सर्वाधिक वोटरों वाले ओबीसी वर्ग से आते हैं और वह 1993 से छत्तीसगढ़ मनवा कुर्मी क्षत्रिय समाज के संरक्षक हैं. सामाजिक सुधारों के पक्षधर बघेल खर्चीली शादियों के विरोधी हैं और वह कम पैसे में शादी को बढ़ावा देते हैं. इसके लिए वह सामूहिक विवाह का आयोजन करते हैं.
चरण दास महंत : राज्य के जांजगीर-चांपा जिले की सक्ती विधानसभा सीट पर एक बार फिर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और वरिष्ठ नेता चरणदास महंत की किस्मत EVM में लॉक हो चुकी है.चरणदास भी कांग्रेस के उन नेताओं में शामिल हैं जिन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार भी माना जा रहा है .महंत प्रदेश के बहुसंख्यक वर्ग में इनकी अच्छी पकड़ रखते हैं, मध्यप्रदेश सरकार में गृहमंत्री और यूपीए की दूसरी पारी में केन्द्र सरकार में राज्य मंत्री रहे. इसके अलावा चुनाव में वरिष्ठ नेताओं को एकजुट रखने में भी अहम भूमिका अदा की .
इस पूरे मामले पर कांग्रेस का कहना है कि विधायक दल ही निर्धारित करेगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा सभी अपने अपने क्षेत्र में बड़े नेता हैं अंतिम फैसला राहुल गांधी करेंगे. वहीं इस पूरे मामले पर बीजेपी का कहना है कि कांग्रेस सपने देख रही है बीजेपी की ही सरकार बनेगी सवाल ही नहीं उठता कि कांग्रेस सत्ता में आए बीजेपी और मुख्यमंत्री के किए गए काम पर जनता ने मुहर लगाई है.
Source : ADITYA NAMDEO