बिहार के एग्जिट पोल में महागठबंधन को बहुमत मिलने की संभावना को देखते हुए आरजेडी के खेमे में जश्न की तैयारी शुरू हो गई हैं. दूसरी तरफ कांग्रेस भी एग्जिट पोल के नतीजों को लेकर खासी उत्साहित नजर आ रही है लेकिन उसके सामने एक और बड़ी चुनौती है. मंगलवार को चुनाव के नतीजे आने हैं. इससे पहले ही कांग्रेस अपने विधायकों के टूटने का डर सताने लगा है.
यह भी पढ़ेंः दिल्ली में कोरोना का कहर, एक दिन में करीब 8 हजार नए केस, 77 की मौत
नतीजों से पहले बिहार पहुंचे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता
बिहार चुनाव के नतीजे भले ही मंगलवार को आने हैं लेकिन उससे पहले ही कांग्रेस पूरी तरह एक्टिव मोड में आ चुकी है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पार्टी के दो वरिष्ठ नेता पार्टी महासचिव अविनाश पांडेय और रणदीप सिंह सुरजेवाला को पटना भेजा है. दोनों को चुनाव नतीजों के बाद पार्टी के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है. जानकारी के मुताबिक एग्जिट पोल में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के बीच करीबी लड़ाई का अनुमान लगाया गया है. ऐसे में विरोधी खेमे की ओर से विधायकों की खरीद-फरोख्त के प्रयास किए जा सकते हैं.
यह भी पढ़ेंः PM मोदी वाराणसी को देंगे दीपावली का तोहफा, कई परियोजनाओं का करेंगे शिलान्यास
बहुमत को चाहिए 122 का आकंड़ा
बिहार में बहुमत के लिए 122 का जादुई आंकड़ा चाहिए. कई एग्जिट पोल महागठबंधन को 150 तक सीटें दिखा रहे हैं. दूसरी तरफ आशंका इस बात की भी है कि अगर लड़ाई करीबी रही और एनडीए बहुमत के लिए जरूरी 122 सीट के जादुई आंकड़े के करीब पहुंचता है तो ऐसे में विरोधी दल के खेमे में सेंध लगाने की कोशिश की जा सकती है. ऐसी स्थिति में कम सीटें जीतने वाली पार्टियां अधिक संवेदनशील हो जाएंगी. कांग्रेस को ऐसी स्थिति में कई बार मुंह की खानी बड़ी है. इसलिए इस बार कांग्रेस किसी भी तरह का जोखिम लेने के पक्ष में नहीं है.
Source : News Nation Bureau