Advertisment

छात्र नेता से सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बनने का रिकॉर्ड, एक नजर शिवराज सिंह चौहान के सियासी सफर पर

शिवराज सिंह चौहान वर्तमान में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं. ये मध्य प्रदेश के सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बनने वाले नेता हैं. इससे पहले दिग्विजय सिंह 10 साल तक प्रदेश के सीएम रहे. शिवराज सिंह चौहान मामा के नाम से भी मशहूर हैं.

author-image
Prashant Jha
एडिट
New Update
shivraj

शिवराज सिंह चौहान, मुख्यमंत्री, मध्य प्रदेश( Photo Credit : फाइल फोटो)

Advertisment

शिवराज सिंह चौहान सियासत के बड़े शो मैन हैं. मुख्यमंत्री होने के बाद भी वो सादगी में रहना पसंद करते हैं. शिवराज सिंह चौहान मध्य प्रदेश के सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री बनने वाले नेता हैं  उनकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि वो मध्य प्रदेश में तो उनकी चर्चा होती है. देश के अन्य राज्यों में भी उनके कामों की तारीफ होती है. शिवराज सिंह चौहान की लाडली लक्ष्मी योजना देशभर में लोकप्रिय है. शिवराज सिंह चौहान एक सेक्युलर शख्सियत के तौर पर भी जाने जाते हैं. 

शिवराज सिंह चौहान 29 नवंबर 2005 को मध्य प्रदेश में पहली बार मुख्यमंत्री बने. बीजेपी ने बाबूलाल गौर की जगह शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री बनाया था. 63 वर्षीय शिवराज सिंह चौहान का जन्म 5 मार्च 1959 को सीहोर जिले के जैत गांव में हुआ था. शिवराज के पिता का नाम प्रेम सिंह चौहान और माता का नाम सुंदर बाई है. उनके पिता किसान थे. शिवराज सिंह चौहान भले ही मुख्यमंत्री हैं, लेकिन वो खुद को किसान और किसान का बेटा कहलाना ज्यादा पसंद करते हैं.  

शिवराज सिंह चौहान किरार राजपूत समुदाय से संबंध रखते हैं. उन्होंने कक्षा चौथी तक की शिक्षा जैत गांव से प्राप्त की. इसके बाद वो भोपाल की बरकतुल्ला यूनिवर्सिटी से मास्टर्स डिग्री ली. इसके बाद वो अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से जुड़ गए. शिवराज सिंह चौहान साल 1975 में छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए. शिवराज बरकतुल्लाह विश्वविद्यालय के गोल्ड मेडलिस्ट भी रह चुके हैं.

यह भी पढ़ें: राजस्‍थान-मध्‍य प्रदेश में बीजेपी की बल्ले-बल्ले!, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में किसके सिर सजेगा ताज?

आपातकाल में जेल भी गए शिवराज सिंह 
 शिवराज सिंह चौहान छात्र नेता के तौर पर यूनिवर्सिटी में जाने जाते थे. 1975 में मुख्यमंत्री इंदिरा गांधी ने जब आपात काल लगाया तो विरोध करने वालों में से शिवराज सिंह चौहान भी एक थे. आपातकाल के खिलाफ चौहान ने मुहिम चलाई, लेकिन वो पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. वो साल 1976-77 में जेल  गए. 

  • 13 साल में संघ से जुड़ गए थे शिवराज सिंह
    शिवराज सिंह चौहान बालकाल्य से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सदस्य हो गए थे. महज 13 साल उम्र में ही वो आरएसएस ज्वाइन कर लिया था. इसके बाद वे समय-समय पर जनसरोकार से जुड़े मुद्दों को उठाते रहे. संघ की नर्सरी से निकले शिवराज सिंह चौहान ने फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा.
  • शिवराज सिंह चौहान साल 1977-1978 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के संगठन मंत्री बने. साल 1978 से 1980 तक मध्यप्रदेश में एबीवीपी के संयुक्त मंत्री रहे.
  • 1980 से 1982 तक अखिल भारतीय विधार्थी परिषद के प्रदेश महासचिव रहे और 1982-1983 में परिषद की राष्ट्रीय कार्यकारणी के सदस्य चुने गए. 
  • साल 1984-1985 में शिवराज सिंह चौहान को मध्यप्रदेश में भारतीय जनता युवा मोर्चा (भाजयुमो) का संयुक्त सचिव और वर्ष 1985 में महासचिव बनाया गया. इस पद पर वे तीन साल यानी 1988 तक रहे. इसके बाद उन्हें साल 1988 में भारतीय जनता युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया. इस पद पर वे 1991 तक बने रहे. 
  • साल 1990 के विधानसभा चुनाव के दौरान पहली बार शिवराज ने बुधनी विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़े और विधायक बने.
    1991 में विदिशा लोकसभा क्षेत्र से जीतकर लोकसभा पहुंचे. विदिशा लोकसभा सीट से साल 1991 में तत्कालीन सांसद अटल बिहारी वाजपेयी ने अपनी सीट से त्यागपत्र दिया था. इसके बाद शिवराज सिंह चौहान यहां से जीते थे.
  • शिवराज सिंह चौहान सांसद बनने के बाद 6 मई 1992 को साधना के साथ शादी की. साधना गोंदिया के मतानी परिवार की बेटी थीं. साधना से शिवराज को दो बेटे हैं. वह शहरी स्वर्णकार कॉलोनी के एक छोटे से मकान में रहा करते थे.
  • शिवराज जब सांसद बने तब कांग्रेस पार्टी की सरकार थी, इस दौरान उन्होंने कई मुद्दों को उठाया और क्षेत्र में कई पदयात्राएं भी कीं. यही वजह रही कि वह विदिशा संसदीय क्षेत्र में पांव-पांव वाले भैया के नाम से भी पहचाने जाने लगे.
  • शिवराज सिंह चौहान ने साल 1996 में हुए 11वें लोकसभा चुनाव के दौरान फिर विदिशा दे चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की. इसके बाद 1998 में जब 12वीं लोकसभा का चुनाव हुआ तो वह विदिशा से ही तीसरी बार सांसद चुने गए.
  • इसके बाद साल 1999 में हुए 13वें लोकसभा चुनाव के दौरान शिवराज चौथी बार सांसद बने. इस चुनाव के बाद केंद्र में भाजपा समर्थित एनडीए की सरकार सत्ता में आई. इस दौरान शिवराज सिंह चौहान केंद्र सरकार की ओर से गठित की गई विभिन्न समिति के सदस्य भी रहे.
  • वर्ष 2004 में हुए 14वें लोकसभा चुनाव के दौरान शिवराज पांचवीं बार सांसद चुने गए. जबकि साल 2005 में शिवराज सिंह चौहान को प्रदेश भाजपा का अध्यक्ष बनाया गया. 29 नवंबर 2005 को जब बाबूलाल गौर ने अपने पद से इस्तीफा दिया तो शिवराज पहली बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने. इसके अगले ही साल उन्होंने बुधनी विधानसभा क्षेत्र से उपचुनाव लड़ा और जीत दर्ज की.

यह भी पढ़ें: Telangana Election 2023: तेलंगाना में तय है बीजेपी की जीत! जानें क्यों खेमे में खुशी का माहौल

शिवराज सिंह चौहान के नाम कई रिकॉर्ड

शिवराज सिंह चौहान के नाम कई रिकॉर्ड्स भी हैं. इसमें सबसे पहला है मध्य प्रदेश के सबसे ज्यादा समय तक मुख्यमंत्री बने रहने का रिकॉर्ड है. शिवराज सिंह चौहान 13 साल तक मुख्यमंत्री बने रहे. ये रिकॉर्ड पहले कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह के नाम था, लेकिन प्रदेश की जनता के आशीर्वाद से ये ताज शिवराज सिंह चौहान ने अपने नाम कर लिया.मार्च 2020 को शिवराज जी ने चौथी बार मुख्‍यमंत्री पद की सपथ ली. इसके पहले ये रिकार्ड अर्जुन सिंह और श्‍यामाचरण शुक्‍ल जी के पास था. 24 मार्च 2020 शिवराज सिंह चौहान ने चौथी बार ज्योतिरादित्य सिंधिया गुट के विधायकों के समर्थन से मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी. 

Source : News Nation Bureau

shivraj-singh-chauhan madhya pradesh bjp news Assembly Election 2023 Assembly Elections News CM Shivraj singh chauhan MP CM Shivraj Singh Chauhan Shivraj Singh Chauhan News Madhya Pradesh BJP
Advertisment
Advertisment
Advertisment