बिहार चुनाव संपन्न हो चुके हैं. आज यानी मंगलवार को बिहार चुनाव का मतगणना शुरू हो चुके हैं. रूझानों में गया टाउन से बीजेपी उम्मीदवार प्रेम कुमार आगे चल रहे हैं. गया टाउन जहां पितरों को मोक्ष दिलाया जाता है, इस प्रसिद्ध नगरी का अपना इतिहास है. मां मंगलागौरी, पितृपक्ष मेला महासंगम, विष्णुपद मंदिर, फल्गु नदी, सीता कुंड, अक्षय वट, ब्रह्मयोनि पहाड़, सुर्यकुंड और कई पौराणिक गाथाओं को साथ लेकर चलने वाला शहर है. गया टाउन में पिछले 30 साल से बीजेपी का राज है. यहां के लोग बीजेपी नेता डॉ प्रेम कुमार को अपना प्रतिनिधि चुनते आ रहे हैं.
प्रेम कुमार को मात देने के लिए विपक्षी पार्टियों ने अलग-अलग चेहरे उतारे. लेकिन किसी के हाथ सफलता नहीं लगी. जनता का भरोसा प्रेम कुमार पर है. इस बार जनता का मूड बदलता है या फिर बीजेपी पर ही मुहर लगाती है ये देखने वाली बात होगी.
प्रेम कुमार को भी मिली थी कड़ी टक्कर
लेकिन बात विधायक प्रेम कुमार की करते हैं. 1990 में गया की जनता ने प्रेम कुमार पर भरोसा जताया. यह भरोसा 2015 तक कायम है. हालांकि प्रेम कुमार को कड़ी टक्कर भी मिली. साल 2015 के चुनाव में कांग्रेस के प्रियरंजन डिंपल से उन्हें कड़ी टक्कर मिली. डिंपल को बसे ज्यादा वोट 44102 मिला. वहीं प्रेम कुमार को सबसे कड़ी चुनौती वर्ष 2000 के चुनाव में सीपीआई के मसउद मंजर से मिली. जब उनके बीच मतों का अंतर सिर्फ 3959 था. प्रेम कुमार को 37 हजार 264 वोट मिले थे, जबकि मसउद मंजर को 33 हजार 205 वोट. इसके बाद वोटों का अंतर बढ़ता गया.
कभी 53 वार्ड वाला गया टाउन विधानसभा क्षेत्र से 12 वार्ड कट कर वजीरगंज और बेलागंज विधानसभा से जुड़ गये. वहीं, चंदौती के पहाड़पुर का कुछ क्षेत्र गया टाउन विधानसभा में शामिल किया गया. ग्रामीण क्षेत्र की बड़ी जनंसख्या शहर में आकर बसी है.
गया शहर में अल्पसंख्यक समुदाय और व्यवसायी समाज से करीब 50-50 हजार वोटर हैं. वहीं कायस्थ और चंद्रवंशी समाज के 25-25 हजार मतदाता हैं. नई बसावट के कारण भूमिहार 25 हजार, राजपूत 15 हजार, यादव 16 हजार, अतिपिछड़ा के करीब 30 हजार, कोयरी-कुर्मी आदि के 25 हजार वोट हैं.
अतिक्रमण और जाम बड़ी समस्या
गया टाउन विधानसभा में अतिक्रमण और जाम बड़ी समस्या है. शहर के हिसाब से इसके विकास के लिए वृहद योजना की आवश्यकता है. हर साल यहां लाखों सैलानी आते हैं. ऐसे में इस शहर में जाम की स्थिति बनी रहती है. सफाई की भी इस शहर को बेहद जरूरत है.
कुल वोटर: 248172
पुरुष: 131059
महिला: 117087
पोलिंग बूथ की संख्या: 227
कब कौन जीता
1990 से 2015 तक सात बार- प्रेम कुमार (बीजेपी)
1984- जय कुमार पालित (कांग्रेस)
1980- जय कुमार पालित (कांग्रेस)
1977- सुशील सहाय (जनता पार्टी)
1972- डॉ. युगल किशोर (कांग्रेस)
1967- गोपाल मिश्र (जनसंघ)
1969- गोपाल मिश्र (जनसंघ)
1962-श्याम बर्थवार (निर्दलीय)
1957-सरदार मोहन (कांग्रेस)
1951-केशव प्रसाद (कांग्रेस)
Source : News Nation Bureau