दिल्ली विधानसभा चुनाव (Delhi Assembly Election 2020) का बिगुल बज चुका है, ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टीयां जोर-शोर से चुनावी प्रचार में जुट चुकी हैं. दिल्ली की सल्तनत पर बैठने के लिए हर पार्टी कमर कस कर चुनावी मैदान में उतर गई है और जनता तमाम लुभावने वादें कर रही है. हालांकि अब ये चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा की देश की राजधानी की सत्ता पर दोबारा आम आदमी पार्टी (AAP) की वापसी होगी या फिर बीजेपी और कांग्रेस बैठेगी.
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दिल्ली चुनाव को देखते हुए हमने भी पूरी तैयारी कर ली है, यहां हम आपको दिल्ली के हर विधानसभा क्षेत्र की पूरी जानकारी देंगे कि कब वहां से कौन जीता और फिलहाल जो विधायक है उनका काम कैसा रहा. इसी क्रम में आज हम ग्रेटर कैलाश विधानसभ निर्वाचन क्षेत्र के बारें में बात करेंगे. तो आइए जानते है इस सीट के बारे में.
इस सीट पर क्या कांग्रेस खोल पाएगी दोबारा खाता-
साल 2013 के दिल्ली विधानसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट से जीत हासिल की थी. साल 2015 के चुनाव में भी वह लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए. यहां साल 2008 में बीजेपी के विजय कुमार मल्होत्रा विधायक चुने गए थे. मतलब िक कांग्रेस का ग्रेटर कैलाश से 2008 के चुनाव से खाता नहीं खुल पाया है. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में आप विधायक सौरभ भारद्वाज को (57589) वोट प्राप्त हुए थे, जबकि बीजेपी उम्मीदवार राकेश कुमार गुल्लैया को (43006) वोट मिले थे. वहीं कांग्रेस की शर्मिष्ठ मुखर्जी को मात्र 6 हजार 102 वोट मिले थे.
ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट के बारे में-
ग्रेटर कैलाश विधानसभा सीट नई दिल्ली लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का हिस्सा होने के साथ ही यह दिल्ली 70 विधानासभा सीटों में भी शामिल है. दक्षिण दिल्ली का यह रिहाइशी इलाका 2008 में विधानसभा सीट घोषित किया गया. परिसीमन आयोग की सिफारिशों के बाद चुनाव आयोग ने यहां पर पहले विधानसभा चुनाव संपन्न कराए. तब यहां से बीजेपी के विजय कुमार मल्होत्रा ने कांग्रेस के जितेंदर कुमार कोचर को हराया और विधायक बने थे.
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रहने के लिए सबसे सुरक्षित इलाका-
2009 में एक सर्वे के मुताबिक, ग्रेटर कैलाश रहने के लिए सबसे सुरक्षित इलाका बताया गया था. सरकार ने 1960 में इस इलाको को विकसित करने के लिए डीएलएफ को जिम्मेदारी सौंपी थी. दिल्ली के पॉश इलाकों में शुमार ग्रेटर कैलाश में बड़े शॉपिंग मॉल्स, बिजनेस सेंटर, विभिन्न कंपनियों के शोरूम और चर्चित शैक्षिक संस्थान मौजूद हैं. हालांकि इस क्षेत्र में पार्किंग समस्या फिलहाल अभी भी बनी हुई है.
मतदाताओं की कुल संख्या-
इस विधानसभा क्षेत्र में कुल 162072 मतदाता हैं, जिसमें पुरुष मतदाता की संख्या (87335) और महिलाओं की (74727) हैं. साल 2015 के विधानसभा चुनाव में यहां 66.69 प्रतिशत वोट पड़े थे.
लोकसभा चुनाव में रहा था बीजेपी का दबदबा-
2019 में हुए लोकसभा चुनावों में दिल्ली की सभी सात लोकसभा सीटों पर भारतीय जनता पार्टी ने जीत हासिल की थी और वोट प्रतिशत के लिहाज से कांग्रेस दूसरे नंबर पर पहुंच गई थी. आम आदमी पार्टी तीसरे नंबर पर खिसक गई थी.
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बता दें कि साल 2015 के विधानसभा चुनाव में अरविंद केजरीवाल की पार्टी 'आप' ने सबको चौंकाते हुए 54.3 फीसदी वोट शेयर हासिल किए थे. मत प्रतिशत के मामले में बीजेपी 32.3 फीसदी वोट के साथ दूसरे नंबर पर रही तो कांग्रेस का वोट शेयर 9.7 फीसदी पर आ गया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में आम आदमी पार्टी केवल 18.1 फीसदी वोट पा सकी तो बीजेपी 56.5 फीसदी मत पाने में कामयाब रही. कांग्रेस के वोट शेयर में 12 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और उसे 22.5 फीसदी वोट मिले.
Source : News Nation Bureau