साल 2021 पश्चिम बंगाल (West Bengal) के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण है. इस साल बंगाल में 294 सीटों पर विधानसभा चुनाव (Assembly Elections 2021) होने है, जिसका बिगुल अभी से बज चुका है. भारतीय जनता पार्टी (BJP)ने ममता के 'गढ़' में सेंध लगाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. अमित शाह समेत बीजेपी के कई नेता अब तक बंगाल में रैलियां कर चुकी है. वहीं मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी भी अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए डटकर विपक्षी पार्टियों का मुकाबला कर रही है. बंगाल में 'जीत का रसगुल्ला' किसे मिलेगा ये तो चुनाव परिणाम के बाद ही पता चलेगा. लेकिन इससे पहले हम आज जानेंगे हिंगलगंज विधानसभा सीट के बारे में.
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जानें हिंगलगंज (SC) सीट के बारे में
हिंगलगंज (SC) विधानसभा क्षेत्र बसीरहाट लोक सभा निर्वाचन क्षेत्र के अंतर्गत आता है. 2019 के लोकसभा चुनावों में अखिल भारतीय तृणमूल कांग्रेस के उम्मीदवार नुसरत जहान रुही ने भारतीय जनता पार्टी के साईंतन बसु को हराकर 350369 मतों के अंतर से बशीरहाट लोकसभा (एमपी) सीट से जीत हासिल की.
पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के अंतर्गत हिंगलगंज सीट आती है, जो अनुसूचित जाति वर्ग के लिए आरक्षित है. साल 2016 के पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में, हिंगलगंज (एससी) विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं का कुल प्रतिशत 84 प्रतिशत दर्ज किया गया था. बता दें कि विधानसभा चुनाव 2021 में यहां 17 अप्रैल को वोटिंग और 2 मई को काउंटिंग होगी.
पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में होंगे चुनाव
पश्चिम बंगाल में 8 अलग अलग चरणों में चुनाव होंगे. बंगाल में विधानसभा की कुल 294 सीटें हैं. यह राज्य भले ही बहुत बड़ा न हो, लेकिन यहां की कानून व्यवस्था और राजनीतिक हिंसाओं के मद्देनजर यहां 8 चरणों में चुनाव कराया जाएगा.
- पहला चरण- 27 मार्च को मतदान
- दूसरा चरण- 1 अप्रैल को मतदान
- तीसरा चरण- 6 अप्रैल को मतदान
- चौथा चरण- 10 अप्रैल को मतदान
- पांचवां चरण- 17 अप्रैल को मतदान
- छठा चरण- 22 अप्रैल को मतदान
- सातवां चरण- 26 अप्रैल को मतदान
- आठवें चरण- 29 अप्रैल को मतदान
पिछले चुनाव में टीएमसी को मिली थीं 294 में से 211 सीटें
पिछले दो बार से विधानसभा चुनाव में टीएमसी ने शानदार प्रदर्शन किया. पिछले चुनाव में ममता की पार्टी टीएमसी ने सबसे ज्यादा 211 सीटें जीतकर राज्य में बहुमत हासिल किया था और सरकार बनाई थी. पिछले चुनाव में कांग्रेस को 44 सीटें, लेफ्ट को 26 सीटें और बीजेपी को मात्र तीन सीटें हासिल हुई थीं. वहीं अन्य ने 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. 294 सीटों वाली पश्चिम बंगाल विधानसभा में बहुमत के लिए 148 सीटों की जरूरत होती है.
इस बार चुनाव 'टीएमसी बनाम बीजेपी'
पश्चिम बंगाल में इस बार का विधानसभा चुनाव बीजेपी बनाम टीएमसी होता दिखाई पड़ रहा है. तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है. ममता बनर्जी राज्य में सरकार बनाने की हैट्रिक लगाने के लिए जमकर पसीना बहा रही हैं तो बीजेपी ने भी पूरी ताकत चुनाव में झोंक दी है. पिछले चुनाव में महज तीन सीटों पर जीत दर्ज करने वाली बीजेपी से इस बार लोगों को काफी उम्मीदें हैं. दरअसल, 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार प्रदर्शन किया था. इसी के आधार पर बीजेपी ने बंगाल के विधानसभा चुनाव में 200 से ज्यादा सीटें जीतने की बात कहकर हलचल मचा दी है.
बंगाल में बीजेपी की बढ़ती पहुंच
2011 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी ने तीन दशक से पश्चिम बंगाल की सत्ता में काबिज लेफ्ट का सफाया कर दिया था. वहीं साल 2016 के विधानसभा चुनाव में भी कुछ खास असर नहीं पाने वाली बीजेपी ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कुल 42 में से 18 सीटें जीतकर सबको हैरान कर दिया था. वहीं ममता बनर्जी की टीएमसी को बीजेपी से सिर्फ चार ज्यादा यानी 22 सीट मिलीं थी.