दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा को करारी हार मिली है. बीजेपी ने इस चुनाव में जैसे प्रदर्शन की उम्मीद की थी, असल नतीजे उससे कहीं अलग हैं. चुनाव में 55 सीटें जीतने का दावा करने वाली बीजेपी महज 8 सीटों पर सिमट गई. दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की करारी हार हुई है. इस हार से भाजपा का शीर्ष नेतृत्व सकते में है. पूरे दमखम और केंद्रीय नेतृत्व की पूरी फौज चुनावी समर में झोंकने के बावजूद भाजपा को महज 8 सीटों पर जीत मिली. पार्टी की करारी हार के बाद अब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने हार की समीक्षा के लिए बुधवार शाम 5 बजे महासचिवों की बैठक बुलाई है.
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इस बैठक में गृह मंत्री अमित शाह भी मौजूद रहेंगे. भाजपा के दोनों दिग्गज नेता पार्टी की हार की समीक्षा करेंगे. दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा की बड़ी हार हुई है. लगभग 21 दिनों तक चले आक्रामक प्रचार के बावजूद दिल्ली में पार्टी की नैया डूब गई. भाजपा ने चुनाव के दौरान पार्टी के सभी दिग्गज नेताओं को उतार दिया था. केंद्रीय मंत्री दिल्ली में पद यात्रा कर रहे थे, तो खुद गृह मंत्री अमित शाह ने भी दिल्ली की गलियों में कई रैलियां की फिर भी पार्टी के नेता हार गए. भाजपा ने चुनाव प्रचार के दौरान शाहीन बाग, अनुच्छेद 370, नागरिकता कानून, राम मंदिर जैसे मुद्दों का जिक्र किया लेकिन पार्टी को हार मिली.
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चुनाव में हार के बाद भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी हार स्वीकार कर ली है. जेपी नड्डा ने कहा कि भाजपा इस जनादेश को स्वीकारते हुए रचनात्मक विपक्ष की भूमिका निभाएगी और प्रदेश के विकास से जुड़े हर मुद्दे को प्रमुखता से उठाएगी. दिल्ली चुनाव प्रचार के दौरन शाहीनबाग का मुद्दा भी छाया रहा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से लेकर गृहमंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य छोटे से लेकर बड़े नेता हर रैली और सभाओं में शाहीनबाग का मुद्दा उछालते रहे. बैठक में राष्ट्रवाद बनाम फ्री देने की रणनीति पर चर्चा होगी. बैठक में रणनीतिक चूक पर भी विस्तार से चर्चा होने की उम्मीद है.
Source : News Nation Bureau