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बंगाल में सभी दावे फेल कर कैसे TMC पहुंची 200 पार, जीत की ये है बड़ी वजह

पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी वैसी जीत दर्ज नहीं पा रही जैसे दावे किए जा रहे थे. रुझानों में टीएमसी का 200 का आंकड़ा पार चुकी है जो बहुमत से काफी आगे हैं.

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Kuldeep Singh
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Amit Shah

बंगाल में सभी दावे फेल कर कैसे TMC ने मारी बाजी, जीत की ये है बड़ी वजह( Photo Credit : न्यूज नेशन)

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पश्चिम बंगाल के विधानसभा चुनाव में बीजेपी वैसी जीत दर्ज नहीं पा रही जैसे दावे किए जा रहे थे. रुझानों में टीएमसी का 200 का आंकड़ा पार चुकी है जो बहुमत से काफी आगे हैं. ऐसे में टीएमसी को पछाड़ बीजेपी कोई करिश्मा करें, ऐसी संभावना अब ना के बराबर हैं. बीजेपी के धुंआधार प्रचार के बीच टीएमसी ने कैसे शानदार प्रदर्शन किया, इसे समझना काफी जरूरी है. टीएमसी ने चुनाव के दौरान अपने कोर वोट बैंक को खिसकने नहीं दिया. दूसरी उसकी कई योजनाएं ऐसी थी जो सीधे जनता तक असर कर गईं. इसके बाद टीएमसी की जीत की राह आसान होती चली गई. 
 
सीएम के तौर पर मजबूत चेहरा
टीएमसी के पास मुख्यमंत्री के चेहरे पर ममता बनर्जी बड़ा चेहरा थीं. दूसरी तरफ बीजेपी ने मुख्यमंत्री के चेहरे का खुलासा नहीं किया. इसे बीजेपी की बड़ी कमजोरी माना जा रहा था. चुनाव प्रचार के दौरान बार-बार सवाल पूछा जा रहा था कि अगर बीजेपी चुनाव जीत जाती है तो मुख्यमंत्री कौन होगा. इसका पार्टी अध्यक्ष से लेकर बड़ी बड़े नेताओं ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया. वहीं बाहरी बना बंगाली का मुद्दा भी बीजेपी के पक्ष में आया. 

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कोर वोट बैंक का ना खिसकना
अल्पसंख्यक वोट को टीएमसी का कोर वोटबैंक माना जाता है. अभी तक के नतीजों से स्पष्ट है कि टीएमसी ने अपना अल्पसंख्यक वोट बैंक नहीं खिसकने दिया है. इसका टीएमसी को काफी लाभ मिला है. बंगाल में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी के ममता बनर्जी से अलग होकर चुनाव लड़ने के बाद ये माना जा रहा था कि अल्पसंख्यक वोट बैंक इस बार टीएमसी से किनारा कर सकता है लेकिन ऐसा असर देखने को नहीं मिला.  

खेला होबे का नारा हिट
ममता बनर्जी ने इस बार चुनाव में खेला होबे का नारा दिया. यह नारा पूरे चुनाव में छाया रहा. चुनावी रणनीतिकारों का कहना है कि इस नारे ने टीएमसी को काफी फायदा पहुंचाया. ममता बनर्जी भी मंच पर जाती, यह नारा जरूर लगाती थी. दूसरी तरफ रैलियों में यह नारा चर्चा का विषय बना रहा. खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपनी रैलियों में इस नारे को लेकर ममता बनर्जी पर तंज कसते रहे हैं. 

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प्रशांत किशोर की रणनीति काम कर गई
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इस चुनाव में टीएमसी के लिए रणनीति तैयार की थी. उन्होंने कहा था कि बंगाल में बीजेपी दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर पाएगी. अभी तक के रुझानों में ऐसा दिखाई भी दे रहा है. प्रशांत किशोर ने टीएमसी के लिए जो रणनीति तैयार की, उसी का नतीजा है कि बीजेपी के इस धुंआधार प्रचार के बाद भी बंगाल में टीएमसी शानदार प्रदर्शन करती दिखाई दे रही है.

HIGHLIGHTS

  • प्रशांत किशोर की रणनीति की दिखाई दिया असर
  • खेला होने के नारे ने दिलाई जीत में अहम भूमिका
  • अल्पसंख्यक वोट का ना खिसकना भी रहा टीएमसी के पक्ष में
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