आईबी ने केंद्र सरकार को अपनी एक रिपोर्ट भेजी है, जिसमें दावा किया गया है कि उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में मतगणना के बाद 15 से 17 जिलों में हिंसा हो सकती है. आईबी (IB) का कहना है कि पिछड़ने वाले उम्मीदवारों के समर्थक अफवाह फैलाकर कार्यकर्ताओं को मार-पीट, तोड़-फोड़, आगजनी, हिंसा करने के लिए उकसा सकते हैं. इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश में मतगणना केंद्रों के बाहर लोगों के जमावड़े को चुनाव आयोग ने गंभीरता से लिया. नाव आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव, डीजीपी, अपर मुख्य सचिव (गृह) से बात कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही संवेदनशील जिलों में सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने के निर्देश भी दिए हैं.
केंद्र सरकार हुई अलर्ट
आईबी की इस रिपोर्ट को लेकर केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग और उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव, डीजीपी और अपर मुख्य सचिव (गृह) से बात की है. चुनाव आयोग ने मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था और कड़ी करने, अतिरिक्त सुरक्षा बलों की तैनाती करने, मतगणना केंद्रों पर लोगों की भीड़ इकट्ठा नहीं होने देने का निर्देश दिया है.
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रिपोर्ट में इन जिलों का जिक्र
इस रिपोर्ट में जिन जिलों के नाम हैं उनमें मुरादाबाद, संभल, सहारनपुर, बिजनौर, मेरठ, लखीमपुर-खीरी, अयोध्या आजमगढ़, जौनपुर, कानपुर जैसे जिले शामिल हैं. चुनाव आयोग ने इन सभी जिलों में पुलिस और प्रशासन को मुस्तैद रहने के लिए कहा है. सूत्रों ने बताया कि इस बात की आशंका इसलिए भी ज्यादा है, क्योंकि मंगलवार रात से प्रदेशभर में ईवीएम में गड़बड़ी किए जाने को लेकर हंगामा मचा हुआ है.
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मतगणना के लिए यूपी है तैयार
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक मतगणना केंद्रों पर सुरक्षा की व्यवस्था की गई है. 70 हजार सिविल पुलिस, 245 कंपनी अर्द्धसैनिक बल, 69 कंपनी पीएसई की तैनात है. सभी महत्वपूर्ण जगहों पर वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी कराई जाएगी. सभी जनपदों में धारा 144 लागू है.
HIGHLIGHTS
- आईबी ने केंद्र से यूपी में 15 से 17 जिलों में हिंसा की आशंका जताई
- ईवीएम के नाम पर समर्थकों को भड़का सकते हैं कुछ राजनीतिक दल
- आईबी की रिपोर्ट के आधार पर चुनाव आयोग ने दिए दिशा-निर्देश