INDIA Alliance: पांच राज्य के विधानसभा चुनाव नतीजे सामने आ चुके हैं. इन नतीजों ने एक तरफ जहां बीजेपी नेतृत्व वाले NDA को और मजबूत बना दिया है वहीं 26 विपक्षी दलों के गठबंधन INDIA को बड़ा झकटा लगा है. पांच राज्यों के नतीजों में कांग्रेस को जबरदस्त हार का मुंह देखना पड़ा है. राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सत्ता हाथ के गंवा दी वहीं मध्य प्रदेश की कड़ी टक्कर भी आसार हार में बदल गई. भले ही तेलंगाना में कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत हुई हो, लेकिन पार्टी के प्रदर्शन के बाद इंडिया गठबंधन खेमे में हलचलें तेज हो गई हैं.
इंडिया गठबंधन से दूरी बना रहे दिग्गज
कांग्रेस के नेतृत्व में आगे बढ़ रहे इंडिया गठबंधन का हश्र लगातार बुरा होता जा रहा है. एक तरफ कांग्रेस के नेतृत्व पर सवाल उठ रहे हैं तो दूसरी तरफ सहयोगी दलों ने दूरी बनाना भी शुरू कर दी है. पहले पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी ने इंडिया गठबंधन की होने वाली बैठक से यह कहकर दूरी बना ली कि उन्हें इस बैठक के बारे में कोई जानकारी ही नहीं है. वहीं समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव भी बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं. इन दो बड़े नेताओं के बाद बिहार के मुख्यमंत्री और जदयू प्रमुख नीतीश कुमार यादव ने भी इस बैठक को बाय-बाय कह दिया है.
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कब होनी है इंडिया गठबंधन की बैठक
पांच राज्यों के विधानसभा नतीजों के बाद कांग्रेस नेतृत्व वाले इंडिया गठबंधन की बैठक बुलाई गई है. यह बैठक 6 दिसंबर को होना है. बैठक का आयोजन राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में होना है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इस बैठक का आयोजन किया है. लेकिन बैठक से पहले ही गठबंधन में दरार की खबरें सामने आना शुरू हो गई हैं. आगामी लोकसभा चुनाव से पहले ही बैठकों का यह हाल रहा तो एनडीए को टक्कर देना तो दूर इंडिया गठबंधन ठीक से खड़ा भी नहीं हो पाएगा.
इन 2 वजहों से इंडिया गठबंधन में आ रही दरार
इंडिया गठबंधन में दरार कोई नई बात नहीं है. इसकी अटकलें विधानसभा चुनाव से पहले ही लगने लगीं थीं. दरअसल इंडिया गठबंधन में दरार की दो वजह हैं. पहली वजह है सीट शेयरिंग. चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने स्थानी दलों के साथ सीट शेयरिंग में किसी भी तरह की ढील नहीं बरती. बल्कि कई जगहों पर लगातार सीटों की मांग की गई लेकिन कांग्रेस ने बंटवारे से साफ इनकार कर दिया.
इसको लेकर सपा ने नाराजगी भी जताई थी. सीट बंटवारे को लेकर तीन बार विपक्षी नेताओं के बीच मुलाकातें भी हुईं, लेकिन समझौता नहीं हो पाया. लिहाजा कांग्रेस के खराब प्रदर्शन ने उन सभी विपक्षी नेताओं को मौका दे दिया कि वह अपनी-अपनी आवाज बुलंद कर सकें.
इंडिया गठबंधन में दरार की दूसरी बड़ी वजह है नेतृत्व या फिर पीएम फेस. वैसे तो अब तक विपक्षी दल मिलकर लोकसभा चुनाव के लिए पीएम फेस तय नहीं कर पाए हैं. लेकिन इंडिया गठबंधन फिलहाल कांग्रेस के नेतृत्व में चल रहा है. लेकिन कुछ नेता गठबंधन की कमान संभालने के इच्छुक हैं. माना जा रहा है कि इसके जरिए पीएम फेस का रास्ता भी साफ होगा.
लिहाजा नीतीश कुमार, ममता बनर्जी और शरद पवार जैसे चेहरों जो भले यह कहते सुनाई दे रहे हों कि उन्हें प्रधानमंत्री बनने की कोई इच्छा नहीं है असल में चाहते यही हैं. ऐसे में कांग्रेस के विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन ने इस चिंगारी को भी हवा देने का काम किया है.
NDA और हो गया मजबूत
एक तरफ विधानसभा चुनाव जिसे लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल कहा जा रहा था उससे INDIA गठबंधन बिखर रहा है, वहीं दूसरी ओर इन्हीं नतीजों ने NDA को और मजबूत बनाने के काम किया है. दरअसल इन चुनावी नतीजों के बाद एनडीए ने 17 राज्यों में अपना वर्चस्व कायम कर लिया है.
नेशनल डेमोक्रेटिक अलायंस यानी एनडीए की अब 17 राज्य में सरकार है. इनमें उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, असम, महाराष्ट्र, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, नागालैंड, मणिपुर, गोवा, हरियाणा, त्रिपुरा, मेघालय, पुद्दुचेरी, राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ प्रमुख रूप से शामिल हैं.
इस ग्राफ को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में NDA जीत का कोई रिकॉर्ड बना ले. वहीं इंडिया गठबंधन भी जिस गति से आगे बढ़ रहा है वो हार का कोई रिकॉर्ड बना सकता है.
HIGHLIGHTS
- पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव नतीजों में INDIA को बड़ा झटका
- चार राज्यों में कांग्रेस के बुरे प्रदर्शन ने सहयोगी दलों को दिया बड़ा मौका
- इंडिया गठबंधन की बैठक में शामिल नहीं हो रहे कई नेता
Source : News Nation Bureau