उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही कानपुर के पुलिस कमिश्नर असीम अरुण और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के संयुक्त निदेशक राजेश्वर सिंह ने वीआरएस ले लिया है. दोनों के भारतीय जनता पार्टी के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़ने की संभावना है. लखनऊ में तैनात राजेश्वर सिंह ने पिछले साल अगस्त में वीआरएस के लिए आवेदन किया था. उनके अनुरोध के छह महीने बाद, संबंधित विभाग ने मामले का संज्ञान लिया और उन्हें वीआरएस के लिए अनुमति दी. चर्चा है कि राजेश्वर सिंह गाजियाबाद के साहिबाबाद और असीम अरुण कन्नौज से चुनाव लड़ सकते हैं.
राजेश्वर सिंह ने 2 जी स्पेक्ट्रम मामले की जांच की
हालांकि अभी तक राजेश्वर सिंह ने अपने भाजपा में शामिल होने और अपने वीआरएस के बारे में कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है. वह अभी तक इस मामले पर चुप्पी साधे हुए हैं. ईडी में अपने लंबे कार्यकाल के दौरान उन्होंने सबसे संवेदनशील 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले की जांच की है. उन्होंने 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में कथित अनियमितताओं के मामले को भी देखा था. पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति चिदंबरम, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई. एस. जगन मोहन रेड्डी और झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा से भी उन्होंने विभिन्न मामलों के संबंध में पूछताछ की है.
वकील आभा सिंह के भाई हैं राजेश्वर सिंह
2018 में दुबई से एक संदिग्ध कॉल आने के बाद सिंह विवादों में आ गए थे. इस कॉल का पता उन खुफिया एजेंसियों को लगा, जिन्होंने इस बारे में शीर्ष अदालत को जानकारी दी. ईडी के तत्कालीन निदेशक करनैल सिंह ने एक बयान में कहा है कि वह (राजेश्वर सिंह) एक जिम्मेदार अधिकारी हैं. सिंह के पास बीटेक की डिग्री है और उन्होंने पुलिस, मानवाधिकार और सामाजिक न्याय विषय में पीएचडी की है. वह 1996 बैच के यूपी के पीपीएस अधिकारी के साथ ही यूपी पुलिस के अधिकारी के तौर पर काम कर चुके हैं. 2009 में वह ईडी में शामिल हुए. उन्हें 2015 में स्थायी रूप से ईडी कैडर में शामिल कर लिया गया था. उनकी बहन आभा सिंह मुंबई में एक प्रैक्टिसिंग वकील हैं ने उनके संभावित कदम की सराहना करते हुए कहा कि देश को उनकी जरूरत है. राजेश्वर सिंह की शादी आईपीएस लक्ष्मी सिंह से हुई है.
असीम अरुण कानपुर के पहले कमिश्नर रहे
दूसरी ओर कानपुर के पहले पुलिस कमिश्नर असीम अरूण के कन्नौज से चुनाव लड़ने की चर्चा जोरों पर है. उन्होंने शनिवार को अपने ट्विटर हैडल और अन्य इंटरनेट मीडिया अकाउंट के जरिए एक पत्र पोस्ट करके इसकी जानकारी दी है. पत्र में उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का धन्यवाद करते हुए भाजपा की सदस्यता मिलने की जानकारी भी दी है. पत्र इंटरनेट मीडिया में वायरल होने के बाद कमिश्नरेट में तैनात अधिकारी उनसे मिलने के लिए कैंप कार्यालय पहुंचे. इस संबंध में बयान जारी करते हुए उन्होंने कहा कि मैंने एच्छिक सेवा निवृत्ति के लिए आवेदन किया है क्योंकि अब राष्ट्र और समाज की सेवा एक नए रूप में करना चाहता हूं. मैं बहुत गौरवांवित अनुभव कर रहा हूं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मुझे भाजपा की सदस्यता के योग्य समझा.
HIGHLIGHTS
- राजेश्वर सिंह साहिबाबाद से लड़ सकते हैं यूपी चुनाव
- असीम अरुण को कन्नौज से उतार सकती है बीजेपी