झारखंड चुनाव के शुरुआती नतीजों से एक बात साफ हो चुकी है कि किसी भी पार्टी को बहुमत मिलने की संभावना कम ही है. ऐसे में राज्य में त्रिशंकु विधानसभा बनती दिखाई दे रही है. बीजेपी ने अपने पुराने सहयोगियों को पासा फैकना शुरू कर दिया है. आजसू के फिलहाल चार सीटों पर आगे चल रही है. फिलहाल जो समीकरण बन रहे हैं उनके अनुसार आजसू किंगमेकर की भूमिका निभा सकती है. बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेता आजसू प्रमुख सुदेश महतो से संपर्क साथ रहे हैं.
यह भी पढ़ेंः झारखंड चुनाव : रूझानों में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी, हेमंत सोरेन 3200 वोट से पीछे
भले ही बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बन फिलहाल उभर रही हो, लेकिन वह पूर्ण बहुमत की सरकार बनने की स्थिति नहीं दिख रही है. ऐसे में उसे गठबंधन सरकार बनाने की दिशा में आगे बढ़ना होगा. ऐसे में बीजेपी के साथ सबसे नजदीकी सत्ता साझीदार रहे आजसू समीकरण सबसे पहले सामने आता है. यहां यह कतई नहीं भूलना नहीं चाहिए कि गठबंधन टूटने के बावजूद बीजेपी ने चुनाव बाद की संभावनाओं को ध्यान में रखते ही आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो के खिलाफ सिल्ली से उम्मीदवार नहीं उतारा. आजसू ने भी रघुवर दास के खिलाफ उम्मीदवार नहीं दिया. आजसू के अलावा बीजेपी दूसरी संभावना झाविमो में टटोल सकती है. हालांकि, झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी किसी सूरत में बीजेपी के साथ आने की संभावना से लगातार इंकार करते आए हैं. हालांकि ऐसे संकेत हैं कि बीजेपी ने सोमवार को आजसू के सुदेश महतो और झाविमो सुप्रीमो बाबूलाल मरांडी से संपर्क साधा है.
महाराष्ट्र जैसा हाल न हो
कभी महाराष्ट्र में बीजेपी के साथ सत्ता में रह चुकी उसकी पुरानी सहयोगी शिवसेना 2019 विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी से अलग हो गई. मुख्यमंत्री पद की मांग को लेकर दोनों पार्टियों के बीच खटास पैदा हो गई. शिवसेना ने अपने पुराने राजनीतिक विरोधी एनसीपी और कांग्रेस के साथ सरकार बना ली. अब झारखंड में बीजेपी ऐसी स्थिति पैदा होने से पहले ही अलर्ट हो गई है. आजसू को मनाने के लिए बीजेपी नेता लगातार सुदेश महतो के संपर्क में बने हुए हैं.
Source : Kuldeep Singh