केरल में सीपीएम के नेतृत्व वाला सत्तारुढ़ एलडीएफ सत्ता में बरकरार रहेगी या फिर कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट का बोलबाला होगा इसका फैसला तो दो मई को ही होगा. लेकिन एग्जिट पोल के नतीजों के अनुसार, फिर से केरल में एलडीएफ की सरकार बन सकती है. ओपिनियन पोल की तरह ही एग्जिट पोल में भी लेफ्ट नीत एलडीएफ की सरकार में बनती नजर आ रही है. करीब-करीब सभी एग्जिट पोल में सीपीएम नीत गठबंधन को पूर्ण बहुमत मिलता दिख रहा है. वहीं, यूडीएफ को 50-60 सीटें मिलने की उम्मीद जताई जा रही है. यहां भाजपा को एक या दो सीटें मिल सकती हैं.
रिपब्लिक-सीएनएक्स का सर्वे
रिपब्लिक-सीएनएक्स के सर्वे के अनुसार, केरल में एलडीएफ की सरकार बनने की संभावना है. सर्वे ने सीपीएम नीत एलडीएफ को 72-80 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है. कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ को 58 से 64 सीटें मिल सकती हैं. एनडीए को एक से पांच सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है.
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया सर्वे
इंडिया टुडे-एक्सिस माय इंडिया के सर्वे के अनुसार, एक बार फिर केरल में एलडीएफ की सरकार बन सकती है. एलडीएफ को 47 प्रतिशत वोट मिलने की उम्मीद हैं. वहीं, यूडीएफ को 38 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान जताया जा रहा है. भाजपा को सिर्फ 12 फीसदी वोट मिल सकता है. अगर सीटों की बात करें तो लेफ्ट पार्टी को 104-120 सीटें मिल सकती हैं. यूडीएफ सिर्फ 20 से 36 सीटों पर सिमट सकती है. एनडीए को भी 0-2 सीटों पर जीत मिलने की संभावना जताई जा रही है.
न्यूज 24-टुडेज चाणक्य का सर्वे
न्यूज 24-टुडेज चाणक्य के अनुसार, केरल में एलडीएफ को बंपर जीत मिलने उम्मीद है. इस सर्वे में एलडीएफ को 102 सीटों पर जीतते दिखाया जा रहा है तो वहीं यूडीएफ को 35 सीटें मिलने का अनुमान है. भाजपा को भी 3 सीटें मिल सकती हैं.
एबीपी-सी वोटर का सर्वे
एबीपी-सी वोटर सर्वे के अनुसार, केरल में लेफ्ट को 71-77 सीटों पर जीत मिलने की संभावना है. कांग्रेस नीत यूडीएफ को 62 से 68 सीटें मिल सकती हैं. भाजपा को 0-2 सीटें मिलने का अनुमान लगाया जा रहा है.
आपको बता दें कि छह अप्रैल को तमिलनाडु, पुडुचेरी, असम और बंगाल के साथ केरल में भी चुनाव कराए गए थे. इस दौरान केरल में 73.58 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. चुनाव में जहां लेफ्ट की पिनराई विजयन के सामने अपना अस्तित्व बचाने की चुनौती है, वहीं कांग्रेस ने भी सत्ता में वापसी के लिए पूरी ताकत झोंक दी थी. लंबे समय तक कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल में टिके हुए थे. राहुल गांधी ने केरल में कई रैलियां की थीं और कई स्कूलों में छात्र-छात्राओं से संवाद कर चर्चा में बने रहे थे. हालांकि, पिछले 40 सालों में केरल में कोई भी गठबंधन सरकार दोबारा सत्ता में वापसी नहीं कर सकी है. ऐसे में देखना होगा कि चार दशकों का यह इतिहास बदलेगा या फिर केरल के लोगों को नई सरकार मिलेगी.
Source : News Nation Bureau