केरल में अपनी जगह बनाने की कोशिशों में जुटी भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐलान किया है कि वह राज्य में 115 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. जबकि 25 सीटों पर सहयोगी दल चुनाव लड़ेंगे. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन (K Surendran) ने कहा कि बीजेपी राज्य में 115 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि सहयोगी दलों को 25 सीटें दी जाएंगी. देश में खत्म होते जा रही लेफ्ट का केरल में काफी प्रभाव है. केरल को लेफ्ट का गढ़ भी कहा जा सकता है. मौजूदा समय में यहां लेफ्ट की ही सरकार है. और पिनराई विजयन मुख्यमंत्री हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने यहां भले ही कोई खास कारनामा नहीं किया हो. लेकिन इस बार बीजेपी 40+ सीटें जीतने का दावा कर रही है. ऐसे में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के. सुरेंद्रन अपनी पूरी ताकत झोक रहे हैं.
अब तक का सफर
के. सुरेंद्रन (K Surendran) केरल (Kerala) के अनुभवी राजनेता हैं. मौजूदा समय में वे केरल बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष (BJP Kerala State President) हैं. उन्होंने जमोरिन के गुरुवायूरप्पन कॉलेज, कोझिकोड से रसायन विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की. उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के छात्र विंग अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से अपना राजनीतिक करियर शुरू किया. अपने राजनीतिक करियर के शुरुआती सालों के दौरान, उन्होंने उत्तर मालाबार जिला सहकारी विपणन सोसाइटी के निदेशक के रूप में, डिसा सेवा संस्कारिका केंद्र में अध्यक्ष पद पर, राष्ट्रीय युवा सहकारी समिति के निदेशक मंडल के संस्थापक के रूप में और नेहरू युवा केंद्र के सलाहकार बोर्ड के सदस्य जैसे विभिन्न पदों पर कार्य कर चुके हैं.
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राजनीतिक सफर
के. सुरेंद्रन ने अपने छात्र जीवन में ही राजनीति में कदम रख लिया था. वे आरएसएस के कार्यकर्ता के रूप में समाजिक कार्यों को करने लगे थे. इसके बाद उन्होंने बीजेपी के युवा विंग को ज्वाइन कर लिया था. साल 2006 में उन्हें बीजेपी की ओर से पेयानूर निर्वाचन क्षेत्र से टिकट दिया गया. इस सीट पर उन्होंने अपनी किस्मत आजमाई लेकिन कांग्रेस के पीके श्रीमथी शिक्षक से हार गए. साल 2009 में बीजेपी के राज्य सचिव बनाए गए. 2011 में हुए विधानसभा चुनावों में के सुरेंद्रन ने एक बार फिर से अपनी किस्मत अपनाई. इस बार उन्होंने मंजेश्वर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा, लेकिन फिर हार गए. इस बार उन्हें पीबी अब्दुल रजाक ने पराजित किया था.
साल 2016 के विधानसभा चुनावों में पार्टी ने एक बार फिर उन्हें मौका दिया, लेकिन एक बार फिर से उन्हें मंजेश्वर निर्वाचन क्षेत्र से हार का मुंह देखना पड़ा. साल 2020 में पार्टी ने उन्हें प्रदेश की कमान सौंपी थी. तब से अभी तक उन्होंने पार्टी को काफी मजबूत करने का काम किया है. उनकी छवि एक तेज-तर्रार नेता के रूप में है. बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष से पहले वे प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की कमान भी संभाल चुके हैं. अक्टूबर 2009 में बेरोजगारी और सरकारी भर्ती पर प्रतिबंध लगाने का विरोध किया. 2013 केरल सौर पैनल घोटाले के दौरान, जुलाई 2013 में के. सुरेंद्रन ने मांग की कि गृह मंत्री तिरुवंचूर राधाकृष्णन के टेलीफोन कॉल रिकॉर्ड जारी किए जाएंगे.
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सरकार बनाने का दावा किया
बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में इस बार केरल में बीजेपी की सरकार बनाने का दावा किया है. उन्होंने कहा कि इस चुनाव में हमें 35 से 40 सीटें मिलेंगी. उन्होंने कहा कि हम सरकार बनाएंगे. सुरेंद्रन ने कहा कि यह सभी निर्वाचन क्षेत्रों में त्रिकोणीय मुकाबला होने जा रहा है. अगर हमें 35-40 सीटें मिलती हैं, तो कांग्रेस, सीपीआई (एम), मुस्लिम लीग, और अन्य दलों से लोग बीजेपी में आएंगे. उन्होंने कहा कि पहले से ही सीपीएम और यूडीएफ के कई सदस्य बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. UDF से कई और लोगों के हमसे जुड़ने की उम्मीद है.
HIGHLIGHTS
- बीजेपी के केरल प्रदेश अध्यक्ष हैं के सुरेंद्रन
- एबीवीपी के साथ शुरू किया था राजनीतिक सफर
- के सुरेंद्रन ने सरकार बनाने का दावा किया