केरल विधानसभा चुनावों में अब कुछ ही दिन बचे हैं. राज्य में 6 अप्रैल को विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग होगी. जिसका परिणाम 2 मई को आएगा. साल 2016 में हुए केरल विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को कुल 22 सीटें मिली थीं. इस बार कांग्रेस (Congress) पार्टी अपनी सरकार बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रही हैं. पार्टी ने चुनाव से पहले अपने संगठन में कई बदलाव किए. ये बदलाव कितना काम आता है, ये तो 2 मई को देखने को मिलेगा. लेकिन इस चुनाव में पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता केवी थॉमस (KV Thomas) का नाम काफी सुर्खियों में है. कांग्रेस ने केवी थॉमस को अपनी केरल इकाई का कार्यकारी अध्यक्ष और श्रीधरन को उपाध्यक्ष नियुक्त किया. पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी बयान के मुताबिक, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने थॉमस को केरल कांग्रेस कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष और श्रीधरन को उपाध्यक्ष नियुक्त करने के प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की.
के. सुधाकरन और के. सुरेश के तौर पर पहले से ही केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के दो कार्यकारी अध्यक्ष हैं. मुल्लापल्ली रामचंद्रन अध्यक्ष हैं. केवी थॉमस केरल के एक सक्रिय राजनीतिज्ञ हैं. उनका जन्म 10 मई 1946 को कोच्ची में हुआ था. उनके परिवार की बातच करें, तो उनके दो बेटे और एक बेटी है. साथ ही वे तीन भाई हैं. उनके दो बड़े भाइयों के नाम हैं डॉ केवी पीटर और केवी जोसेफ. राजनीति में आने से पहले टीचर थे.
ये भी पढ़ें- Kerala Election: कौन हैं के सुरेंद्रन, बीजेपी की सरकार बनने का दावा किया
70 के दशक में वे सेक्रेड हार्ट कॉलेज में रसायन विज्ञान के प्रोफेसर रह चुके हैं. राजनीति में आने से पहले वे 33 साल तक रसायन शास्त्र के प्रोफेसर रह चुके हैं. वे 1970 में काग्रेस में शामिल हुए और दूसरी यूपीए सरकार में कृषि मंत्रालय में राज्य मंत्री और उपभोक्ता मामलों, खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्रालय में राज्य मंत्री के पद पर कार्यरत रहे. वे 16 वीं लोकसभा में केरल में एर्नाकुलम के भी प्रतिनिधि करते हैं, इस पद पर वे 5 कार्यकालों के लिए सेवारत रहे हैं.
राजनीतिक सफर
साल 1970 में उन्होंने कांग्रेस के साथ अपनी राजनीतिक करियर की शुरुआत की. साल 1989 में एर्नाकुलम में दूसरा कार्यकाल पूरा करने के लिए उन्हें 9वीं लोकसभा के लिए फिर से चुना गया. सीपीएम के वी. विश्वनाथ मेनन को हराकर 10वीं लोकसभा चुनाव में जीत का सिलसिला बरकरार रखा और जीतकर लोकसभा पहुंचे. साल 2001 में उन्हें केरल सरकार के पर्यटन, मत्स्य पालन और आबकारी मंत्री के रूप में नियुक्त किया गया.
ये भी पढ़ें- केरल चुनाव पर एंटनी की हूंकार, कहा- शानदार जीत दर्ज करेगा UDF गठबंधन
साल 2001 से 2009 तक 2 कार्यकालों के लिए केरल विधानसभा के सदस्य चुने गए. 2009 में हुए लोकसभा चुनाव में उन्हें कांग्रेस पार्टी ने टिकट दी. और वे फिर एक बार जीतकर लोकसभा पहुंचे. इस बार उन्हें मनमोहन कैबिनेट में शामिल किया गया. उन्हें केंद्रीय राज्य मंत्री, कृषि, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण के रूप में कैबिनेट में शामिल किया गया. साल 2014 के लोकसभा चुनावों में मोदी लहर के बावजूद उन्होंने जीत हासिल की. और पांचवें कार्यकाल के लिए एर्नाकुलम निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया.
पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं
पूर्व केंद्रीय मंत्री केवी थॉमस सार्वजनिक तौर पर पीएम मोदी की तारीफ कर चुके हैं. एक समारोह में थॉमस ने कहा था कि मोदी एक अच्छे प्रशासक हैं, जो दूसरों को अपने काम से अपना समर्थक बना लेते हैं. उन्होंने कहा था कि वह अपनी पार्टी के नेताओं की अपेक्षा मोदी के साथ अधिक सहज महसूस करते हैं. हालांकि कांग्रेस पार्टी के विरोध के बाद वे अपने ही बयान से पलट गए थे. इसके बाद थॉमस ने कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से पेश किया गया है. उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए मैंने कहा था कि कई प्रशासनिक गलतियां करने के बावजूद मोदी को अपने झूठ को प्रचारित करने में सफलता मिली है.
HIGHLIGHTS
- 6 अप्रैल को विधानसभा चुनावों के लिए वोटिंग
- पिछले चुनाव में कांग्रेस को कुल 22 सीटें मिली थीं
- पूर्व केंद्रीय मंत्री केवी थॉमस काफी चर्चा में हैं