साल 2020 बिहार की जनता और यहां के नेताओं के लिए अहम साल हैं. इस साल बिहार में विधानसभा चुनाव (Bihar Assembly Election 2020) होने है. ऐसे में सभी राजनीतिक पार्टीयों ने पूरी तरह कमर कस ली हैं. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता अपनी पार्टी के प्रचार और संगठन को मजबूत करने की कोशिशों में जुटे हुए हैं. ऐसे में देखना होगा कि इस बार बिहार की जनता किसे सत्ता पर बैठाएगी और किसे बाहर का रास्ता दिखाएगी. लेकिन इससे पहले हम किशनगंज विधानसभा सीट के बारे में जानेंगे.
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किशनगंज सीट का इतिहास-
नवंबर 2010 के राज्य विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस के डॉ मोहम्मद जावेद ने किशनगंज सीट पर बीजेपी के अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी स्वीटी सिंह को हराया. आरजेडी के अख्तरुल ईमान ने अक्टूबर 2005 और फरवरी 2005 के चुनाव में बीजेपी के संजीव कुमार यादव को हराया. आरजेडी के तस्लीमुद्दीन ने 2000 में बीजेपी के राजेश्वर बैद को हराया. 1995 में कांग्रेस के रफीक आलम ने जेडी के मो मुस्ताक को हराया.
वहीं 1990 में जेडी के मो मुश्ताक मुन्ना ने कांग्रेस के खलीलुर्रहमान को हराया. 1985 में LD के मो मुश्ताक़ मुन्ना ने कांग्रेस के मो उस्मान को हराया. जनता पार्टी (सेक्युलर - चानारा सिंह) के मुदित मुस्तक मुन्ना ने 1980 में कांग्रेस के रफीक आलम को हराया, 1977 में कांग्रेस के रफीक आलम ने जेपी के बद्री नारायण मंडल को हराया.
किशनगंज के बारे में-
किशनगंज बिहार का एक शहर है. यह किशनगंज जिला का मुख्यालय है. बिहार की राजधानी पटना से 425 किमी उत्तर-पूर्व में स्थित यह जगह पहले कृष्णाकुंज के नाम से जाना जाता था. बंगाल, नेपाल और बंगलादेश की सीमा से सटा किशनगंज पहले पुर्णिया जिले का अनुमंडल था. बिहार सरकार ने 14 जनवरी 1990 को इसे पूर्ण रूप से जिला घोषित कर दिया. पर्यटन की दृष्टि से यहां पर पर्यटक खगरा मेला, नेहरु शांति पार्क, चुर्ली किला जैसे जगह घूम सकते है. यहां से पानीघाट, गंगटोक, कलिंगपोंग, दाजर्लिंग जैसे पर्यटन स्थल भी कुछ ही दूरी पर स्थित है.
2015 के विधानसभा चुनाव में किशनगंज सीट के नतीजे-
वोटों की संख्या- 171404
पुरुष मतदाता- 51.67%
महिला मतदाता- 48.33%
वोटर टर्नआउट (Voter turnout)- 57%
विजेता का नाम- मोहम्मद जावेद, कांग्रेस 66522 वोट
Source : News Nation Bureau