दिल्ली विधानसभा चुनाव 2020 8 फरवरी की शाम 6 बजे संपन्न हो गया. इस बार दिल्ली की जनता ने शाम 5 बजे तक लगभग 55 प्रतिशत वोटिंग हुई. जिसे देखकर इस बात के कयास लगाने शुरु हो गए कि दिल्ली के वोटर इस बार घरों से क्यों नहीं निकलें आपको बता दें कि साल 2013 में दिल्ली की जनता ने 65 फीसदी वोटिंग की थी तब बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी लेकिन आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस के समर्थन से सरकार बना ली थी. वहीं साल 2015 की बात करें तो दिल्ली की जनता ने 67.12 फीसदी वोटिंग हुई थी. आपको बता दें कि इस बार के दिल्ली विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग की तमाम कोशिशों के बावजूद दिल्ली के वोटरों पर खास असर नहीं दिखाई दिया और दिल्ली विधानसभा चुनाव में महज 55 फीसदी वोटिंग ही हो पाई.
जिस दिल्ली से वैकल्पिक राजनीति की उम्मीद पूरे देश में जागी थीं आज उसी दिल्ली में इतना कम मतदान यही सिद्ध करता है कि जनता आशाओं को धूमिल करने वाले राजनीतिक विमर्श से विमुख है ! सोचिए कि सत्तर सीटों में से सबसे कम मतदान नई दिल्ली सीट पर हुआ 👎 #DelhiElection
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) February 8, 2020
आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता और कवि डॉ कुमार विश्वास के इस ट्वीट को 1.7 हजार लोगों ने रीट्वीट किया जबकि 7.5 हजार लोगों ने लाइक किया है. कुमार विश्वास के इस ट्वीट को महज 35 मिनट में ही इतने लोगों ने रीट्वीट और लाइक किया है. आपको बता दें कि कुमार विश्वास मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर तानासाही का आरोप लगाते हुए आम आदमी पार्टी से बगावत कर खुद को पार्टी से अलग कर लिया था. इसके बाद से कुमार विश्वास आम आदमी पार्टी पर मौका पड़ने पर हमला करने से नहीं चूकते हैं.
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दिल्ली की जनता ने इस चुनाव में बिलकुल भी जोश नहीं दिखाया और पिछले साल की तुलना में लगभग 12.5 फीसदी कम वोटिंग हुई. दिल्ली के वोटरों की इस निराशा पर आम आदमी पार्टी के पूर्व नेता डॉ कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए लिखा, जिस दिल्ली से वैकल्पिक राजनीति की उम्मीद पूरे देश में जागी थी. आज दिल्ली में इतना कम मतदान यह साबित करता है जनता आशाओं को धूमिल करने वाले राजनीतिक विमर्श से विमुख है. यह सोचने वाली बात है कि दिल्ली की 70 विधानसभा सीटों पर सबसे कम वोटिंग नई दिल्ली की सीट पर हुई.
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वहीं आपको बता दें कि दिल्ली के पिछले विधानसभा चुनाव 2015 में अरविंद केजरीवाल की अगुवई में आम आदमी पार्टी ने इतिहास रचते हुए दिल्ली की 70 सीटों में से 67 सीटें जीती थी, जबकि लोकसभा में शानदार जीत दर्ज करने वाली बीजेपी को भी दिल्ली विधानसभा चुनाव में महज 3 सीटों पर ही संतोष करना पड़ा था जबकि कांग्रेस जिसने की पिछले 15 सालों से दिल्ली की सत्ता पर राज किया था उसका खाता भी नहीं खुला था. इसके बाद अरविंद केजरीवाल को औपचारिक तौर पर आम आदमी पार्टी के विधायक दल का नेता चुना गया और उन्हें 14 फरवरी को रामलीली मैदान पर मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई गई.