छत्तीसगढ़ में चुनाव के घोषणा के बाद राजनीतिक हलचल तेजी से बदल रहे हैं लंबे समय से नाराज नेता अपने जड़े मजबूत करने के लिए कहीं कांग्रेस में जा रहे हैं तो कहीं कांग्रेसी बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. हाल ही में कांग्रेस से आए हुए रामदयाल उइके को बीजेपी ने पाली तानाखार से टिकट भी दे दिया गया है.
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इसी तरह से बिलासपुर जिले के बिल्हा विधानसभा सीट में कांग्रेस की टिकट से विधायक बने सियाराम कौशिक एक बार फिर कांग्रेस में वापसी के रास्ते तैयार कर रहे हैं . आपको बता दें कि अजीत जोगी ने जब ढाई साल पहले कांग्रेस छोड़कर अपनी अलग पार्टी बनाई थी तब सियाराम कौशिक उनके साथ आ गए थे . सियाराम कौशिक इन दिनों पार्टी से नाराज चल रहे हैं इस नाराजगी के पीछे का कारण यह भी है कि हाल ही में एक मीटिंग में अमित जोगी ने यह साफ कर दिया था कि जनता कांग्रेस शहर के सीटों पर नहीं बल्कि ग्रामीण इलाकों के सीटों पर पार्टी फंड खर्च करेगी.
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बिल्हा विधानसभा शहरी सीट है लिहाजा अभी तक इस सीट पर सियाराम कौशिक को जोगी कांग्रेस का उम्मीदवार नहीं बनाया गया है. दिन बीतने के साथ ही सियाराम कौशिक की परेशानी बढ़ते जा रहे हैं, जिसके कारण अब वे जोगी कांग्रेस के खिलाफ जाकर खुलकर बयान दे रहे हैं उनका कहना है कि वह पहले भी कांग्रेस के विधायक थे और आज भी हैं कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता से उन्होंने पहले भी इस्तीफा नहीं दिया था पर अभी भी इस्तीफा नहीं दिए हैं ढाई साल बीतने के बावजूद उन्होंने जोगी कांग्रेस की सदस्यता नहीं ली है.
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इन बयानों से यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सियाराम कौशिक एक बार फिर अपनी जड़ें मजबूत करने के लिए कांग्रेस का सहारा चाह रहे हैं और उन्होंने संकेत दे दिए हैं कि वह कभी भी कांग्रेस में जा सकते हैं सियाराम कौशिक ने न्यूज़ स्टेट की टीम से बातचीत करते हुए कहा कि अभी तक कोई सार्थक पहल कांग्रेस की तरफ से नहीं हुई है यदि हो तो वह विचार जरूर करेंगे वहीं कांग्रेस के प्रवक्ता आरपी सिंह से जब इस बारे में बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि सियाराम कौशिक यदि कांग्रेस के प्रति निष्ठा रखते हैं तो उनका स्वागत है, लेकिन किसी शर्त के साथ यदि वह कांग्रेस में आना चाहेंगे तो यह संभव नहीं है बिना शर्त के कांग्रेस में आने वालों का स्वागत है.
उनके बयान से यह साफ अंदाजा लगाया जा सकता है कि सियाराम कौशिक पहले भी कांग्रेस के विधायक होते हुए जोगी के साथ चले गए थे. इसके बाद यदि दुबारा कांग्रेस उन पर भरोसा करती है तो वह जोगी कांग्रेस के साथ नहीं जाएंगे, इस बात की गारंटी ना तो सियाराम कौशिक ले रहे हैं और ना ही कांग्रेस उन पर विश्वास जता सकती है. हालांकि सियाराम कौशिक को दल बदल कानून के तहत दो बार नोटिस पहले ही भेजा जा चुका है.
Source : News Nation Bureau