पंजाब विधानसभा चुनाव के लिए अपना धुआंधार प्रचार छोड़कर आम आदमी पार्टी(आप) पंजाब के प्रदेश अध्यक्ष और मुख्यमंत्री उम्मीदवार भगवंत मान ने संसद में बतौर सांसद अपनी जिम्मेदार निभाने से नहीं चुके और उन्होंने पंजाब के अन्नदाता से संबंधित गंभीर मुद्दों को जोरदार ढ़ंग से लोकसभा में उठाया. बुधवार को लोकसभा में क्षेत्र के गन्ना किसानों का मुद्दा उठाते हुए मान ने कहा कि गन्ना किसानों का 2020-21 के करीब 1.25 करोड़ और 2021-22 के करीब 20 करोड़ रुपये का भुगतान नहीं हुआ है, जिसके कारण किसान काफी परेशान हैं.
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चूंकि गन्ना का फसल तैयार होने में एक साल एक साल का समय लगता है, इसलिए गन्ना किसानों का परिवार का गुजारा साल भर इसी पैसे से होता है। देर होने से उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है.
मान ने संसद से गन्ना किसानों के बकाया राशि का ब्याज के साथ भुगतान करने की अपील की और कहा कि सुगरकेन एक्ट 1996 के अनुसार सरकार को सुगर मील पर गन्ने के पहुंचने के 14 दिनों के भीतर भुगतान करना है। अगर देर हुआ तो ब्याज के साथ भुगतान करना है। इसलिए सरकार कानून का पालन कर ब्याज के साथ गन्ना किसानों को फसलों की कीमतों का भुगतान करे. मान ने गन्ना किसानों के अलावा संगरूर व आसपास के कपास(नरमा) किसानों का मुद्दा भी उठाया और उनके भी बकाए राशि का भुगतान करने की अपील की.
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किसान आंदोलन में शहीद किसानों और आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज मुकदमें का मुद्दे भी मान ने संसद में उठाये. उन्होंने कहा कि दिल्ली बॉर्डर पर एक साल तक चले किसान आंदोलन के दौरान 750 से ज्यादा किसानों की जान चली गई. प्रधानमंत्री मोदी ने कृषि कानून वापस लेने की घोषणा तो की लेकिन किसानों की मौत पर कुछ नहीं कहा. संसद से मेरी अपील है कि आंदोलन में शहीद हुए सभी किसानों के परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाए और आंदोलन के दौरान प्रदर्शनकारी किसानों पर दर्ज मामले तुरंत वापस लिए जाए, ताकि उनका परिवार शांतिपूर्वक जीवन जी सके.