त्रिपुरा चुनाव: महज 76 फीसदी हुआ मतदान, 2013 में पड़े थे रिकॉर्ड 92% वोट

आज उत्तर-पूर्वी राज्य त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं। आदिवासी बाहुल्य राज्य त्रिपुरा से इस बार बीजेपी का खासी उम्मीदें हैं जहां माणिक सरकार के नेतृत्व में लेफ्ट का शासन है।

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kunal kaushal
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त्रिपुरा चुनाव: महज 76 फीसदी हुआ मतदान, 2013 में पड़े थे रिकॉर्ड 92% वोट

त्रिपुरा में वोट देने के लिए लाइन में खड़े मतदाता (फोटो - ANI)

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त्रिपुरा में रविवार को हो रहे विधानसभा चुनाव के तहत अभी तक औसत मतदान हुआ है।

मतदान केंद्रों के बाहर मतदाताओं की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। त्रिपुरा में एक चरण के तहत ही मतदान हो रहा है।

निर्वाचन विभाग के अधिकारी ने बताया कि राज्य के 150 से अधिक मतदान केंद्रों में वोटर वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) से जुड़ी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) में तकनीकी खराबी की वजह से मतदान की रफ्तार थोड़ी धीमी हुई।

अधिकारी ने बताया, 'दोपहर तीन बजे तक 65 फीसदी मतदान हो चुका है और अभी भी मैदानी और पहाड़ी, दोनों इलाकों में मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें देखी जा सकती हैं।'

साल 2013 के विधानसभा चुनाव में रिकॉर्ड 92 फीसदी और 2008 में 91 फीसदी मतदान हुआ था। आदिवासी बाहुल्य राज्य त्रिपुरा से इस बार बीजेपी का खासी उम्मीदें हैं जहां माणिक सरकार के नेतृत्व में लेफ्ट का शासन है।

त्रिपुरा विधानसभा के 60 में से 59 सीटों पर विधायकों के चुनाव के लिए मतदाता आज अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं। वहां 1 सीट पर वोटिंग 12 मार्च को होगी।

Live Updates

# दोपहर तीन बजे तक 65 फीसदी मतदान हो चुका है।

# त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में दोपहर 1 बजे तक करीब 46 फीसदी वोटिंग हुई है

# त्रिपुरा के सीएम माणिक सरकार ने राजधानी अगरतला में डाला अपना वोट, धनपुरा से विधायक हैं माणिक सरकार

# त्रिपुरा के बीजेपी अध्यक्ष विपल्व कुमार देव ने वोट डालने के बाद दावा किया कि इस बार राज्य में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत होगी

# प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया ट्विटर पर ट्वीट कर त्रिपुरा के लोगों से भारी संख्या में बाहर निकलकर वोट डालने की अपील की है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया है कि वो त्रिपुरा में वोटिंग प्रतिशत का नया रिकॉर्ड बनाएं।

# सुबह 7 बजे से वोटिंग शुरू, बूथ पर मतदान के लिए उमड़ी महिलाओं की भारी भीड़

साल 1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा हासिल करने वाले त्रिपुरा में हर सीट पर मुकाबला एक तरफा रहा है, लेकिन कुछ विधानसभा क्षेत्र ऐसे हैं, जहां जनता ने मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीएम) और कांग्रेस दोनों को बारी-बारी से जिताया है। इन सीटों में से एक विशालगढ़ विधानसभा सीट पर मुकाबला इस बार त्रिकोणीय है।

त्रिपुरा विधानसभा सीट संख्या-16 यानी विशालगढ़ पश्चिमी त्रिपुरा लोकसभा सीट का हिस्सा है। विशालगढ़ निर्वाचन क्षेत्र के कुल मतदाताओं की संख्या 45,530 है। इस मतदाता संख्या में 23,239 पुरुष मतादाता और 22,290 महिला मतदाता शामिल हैं। साथ ही इस चुनाव में पहली बार शामिल किए गए समलैंगिक वर्ग का एक मतदाता भी अपने मताधिकार का प्रयोग करेगा।

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विशालगढ़ विधानसभा सीट पर किसी एक पार्टी का लगातार कब्जा कभी नहीं रहा। 1972 में पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त करने के बाद पहली बार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के समीर रंजन बर्मन ने सीपीएम के बाबुल सेनगुप्ता को मामूली अंतर से हराया था।

वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में सत्तारूढ़ सीपीएम ने 49 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस केवल 10 सीटें जीतकर दूसरे स्थान पर थी।

इस बार चुनाव मैदान में कुल 297 प्रत्याशी हैं, जिनमें बीजेपी के 51, कांग्रेस के 60 और सीपीएम ने 57 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारें है हालांकि सीपीएम ने तीन सीटें अपने वाम मोर्चा की सदस्य पार्टियों की दी है।

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Source : News Nation Bureau

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