भीतरघात और असंतुष्टों से जूझ रही बीजेपी ने 53 बागियों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया है. हालांकि इनमें से अधिकतर पहले ही पार्टी छोड़कर चुनाव मैदान में या तो कांग्रेस की टिकट पर या फिर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं.पार्टी से बाहर किए गए नेताओं में सरताज सिंह, रामकृष्ण कुष्मारिया, नरेंद्र कुशवाह, समीक्षा गुप्ता, लता मस्की, धीरज पटेरिया, राजकुमार यादव के नाम शामिल हैं.
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कुछ दिन पहले ही सरताज सिंह कांग्रेस में शामिल हुए थे. कांग्रेस ज्वाइन करने के घंटे भर बाद ही पार्टी ने उन्हें होशंगाबाद विधानसभा क्षेत्र से अपना प्रत्याशी बना दिया. उस समय हाथ का साथ मिलने से खुश सरताज सिंह ने कहा था, 'मैं कांग्रेस का आभारी हूं कि उसने मुझे होशंगाबाद सीट से टिकट दिया है. मैं 58 साल तक बीजेपी में रहा, लेकिन इसके बावजूद बीजेपी ने मुझे इस बार टिकट नहीं दिया. मैं जनता के बीच रहकर उसकी और सेवा करना चाहता हूं, इसलिए चुनाव लड़ रहा हूं.'
बता दें बुधवार को दमोह से बीजेपी के बागी और पूर्व मंत्री रामकृष्ण कुसमरिया को मनाने की जद्दोजहद दिनभर चलती रही लेकिन कामयाबी नहीं मिली. इनको मनाने के लिए प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत ने भी मनाने की बहुत कोशिश की लेकिन वो नहीं माने अलबत्ता बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा खुद दमोह गए लेकिन वो नहीं माने.
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ग्वालियर की पूर्व मेयर समीक्षा गुप्ता को भी मनाने की काफी कोशिशें हुईं लेकिन वो नहीं मानीं. उन्होंने बुधवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया.उन्होंने भी ग्वालियर दक्षिण से निर्दलीय नामांकन दाखिल किया हैकुछ इसी तरह से भिंड के मौजूदा विधायक नरेंद्र कुशवाह ने भी बीजेपी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है, संघ और पार्टी के आला नेताओं के मनाने पर भी वो नहीं माने.लहार में भी बीजेपी छोड़ के BSP का दामन थामकर चुनावी रण में आए अंबरीश शर्मा ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं, वो भी मनाने पर नहीं माने. बैरसिया में बीजेपी के पूर्व विधायक ब्रह्मनंद रत्नाकर ने भी नामांकन वापस नहीं लिया.
Source : News Nation Bureau