Madhya Pradesh Election : अपने पुराने 'मित्र' राहुल गांधी की अब पोल खोलेंगे अखिलेश यादव

भोपाल में घोषणा पत्र जारी करते हुए सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन नहीं होने पर कहा कि खलेंगे कांग्रेस की पोल.

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Drigraj Madheshia
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Madhya Pradesh Election : अपने पुराने 'मित्र' राहुल गांधी की अब पोल खोलेंगे अखिलेश यादव

सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव संग राहुल गांधी का फाइल फोटो (Google)

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मध्‍य प्रदेश में 28 नवंबर को होने वाले चुनाव के लिए BJP-Cong के बाद अब समाजवादी पार्टी ने भी अपना चुनावी घोषणा पत्र जारी कर दिया है. भोपाल में घोषणा पत्र जारी करते हुए सपा अध्‍यक्ष अखिलेश यादव ने कांग्रेस से गठबंधन नहीं होने पर कहा कि कांग्रेस का धन्यवाद जो उन्‍होंने हमसे गठबंधन नहीं किया.अब हम कांग्रेस का ख़ुलासा करेंगे .उत्‍तर प्रदेश के पूर्व मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि कांग्रेस की नाकामी के कारण ही आज BJP देश में है. समाजवादी पार्टी ने कथनी और करनी में कोई फ़र्क़ नहीं रखा.हमने हमेशा काम किया है. हमने उत्तर प्रदेश का घोषणापत्र जारी किया था उसके बाद जब हम अगला चुनाव लड़ने गए थे तो 90% घोषणाएं पूरी की थी.

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अखिलेश यादव ने आगे कहा कि समाजवादियों का घोषणापत्र सिर्फ़ वोट पाने के लिए नहीं है . हम किसान, गरीब और बेरोजगारों के लिए काम करते हैं. बता दें उत्‍तर प्रदेश में 2017 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस और समाजवादी पार्टी ने साथ मिलकर लड़ा था. राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने कई रोड शो किए थे. कई मंचों पर दोनों एक दूसरे को अपना परम मित्र बताते हुए नजर आए थे. लेकिन उप्र में मिली करारी हार के बाद दोनों में तल्‍खी बढ़ी और मप्र में कांग्रेस ने सपा के साथ गठबंधन करने से इनकार कर दिया.

समाजवादी पार्टी के घोषणापत्र की मुख्‍य वादे

  • किसानों के क़र्ज़ माफ़ी का ज़िक्र
  • 12 वीं पास और स्नातक बेरोज़गारों को बेरोज़गारी भत्ता
  • कुल बजट का 6 प्रतिशत स्वास्थ्य सेवाओं पर ख़र्च

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  • ज़िला स्तर पर कम से काम एक मेडिकल कॉलेज बनाएंगे
  • ग्रीनफ़ील्ड expressway का निर्माण किया जाएगा

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  • प्रदेश में न्यूनतम मज़दूरी दस हज़ार रु प्रति माह सुनिश्चहित करने हेतु क़ानून

एक बार फिर पैठ बनाने की कोशिश में सपा

  • मध्यप्रदेश में 1993 में पहली बार सपा ने एक सीट जीती थी.
  • 1998 में यह आंकड़ा बढ़कर चार हो गया. जबकि 2003 में सपा सात सीटें जीतने में कामयाब हुई.
  • 2003 में पार्टी को सबसे अधिक 3.7 फीसदी मत मिले, लेकिन इसके बाद से गिरावट आई 2013 में पार्टी को मात्र 1.2 फीसदी मत मिले.

Source : News Nation Bureau

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